दिल्ली हाईकोर्ट ने Amrapali Groups के मामले में सुनाया आदेश, शर्तों के साथ अनिल कुमार शर्मा को मिली जमानत
Amrapali Group Case वर्ष 2019 में आम्रपाली ग्रुप्स के पूर्व प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा पर धोखाधड़ी संबंधित मामला दर्ज किया गया था। इस मामले पर हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने अनिल कुमार शर्मा को जमानत दे दी है। ये जमानत शर्तों के साथ दी गई है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली हाई कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप्स (Amrapali Groups) के पूर्व प्रबंधक (Former CMD) अनिल कुमार शर्मा को जमानत दे दी है। आपको बता दें कि अनिल कुमार शर्मा पर हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी संबंधित मामला दर्ज किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज विकास महाजन की बेंच ने 1 सितंबर को पारित एक आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता- अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ आरोप गंभीर हो सकता है, लेकिन वे इसे जारी रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 436ए के पहले प्रावधान में दिए गए अपवाद को लागू करने की गारंटी नहीं देते हैं। याचिकाकर्ता को आईपीसी की धारा 420 के लिए निर्दिष्ट कारावास की अधिकतम अवधि के आधे से अधिक समय तक हिरासत में रखना नहीं है, क्योंकि अभियोजन पक्ष का यह मामला नहीं है कि याचिकाकर्ता किसी भी तरह से मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार है।
आपको बता दें कि 28 फरवरी 2019 अनिल कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ सह-अभियुक्तों शिव प्रिया और अजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था। अब अदालत ने इन्हें जमानत दे दी है।
इस मामले में अदालत ने क्या कहा
अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने भारत दंड संहिता (IPC) की धारा 406/409/420/120बी के तहत चार्ज शीट दायर की थी। बाद में केवल आईपीसी की धारा 420/120बी को फ्रेम किया गया।
कोर्ट ने बताया कि याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये की राशि का निजी बांड और इतनी ही राशि के दो जमानत बांड देने के बाद ही जमानत मिली है। इसके अलावा कोर्ट ने कई और शर्ते भी लगाई है।
याचिकाकर्ता के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि आईपीसी की धारा 420 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सजा 7 साल है। वहीं, याचिकाकर्ता 3 साल और 6 महीने से अधिक समय से हिरासत में था।
प्रमोद कुमार दुबे ने इसके आगे कहा कि अभियोजन पक्ष ने 50 से अधिक गवाहों का हवाला दिया है। इस मामले का फैसला लंबे समय के बाद आएगा। जिस वजह से याचिकाकर्ता ने अदालत से जमानत देने के लिए आग्रह किया है।
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