Amrapali Group Case: आम्रपाली ग्रुप मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
Amrapali Group Case आम्रपाली ग्रुप मामले में सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस यूयू ललित की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। इसके अलावा पीठ वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेकटरमणि की ओर से पेश की गई रिपोर्ट की जांच भी करेगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आम्रपाली समूह की परियोजनाओं (Amrapali Group Projects) से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर शनिवार यानी तीन सितंबर को सुनवाई करेगा। यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित (CJI UU Lalit) और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) की पीठ करेगी।
अदालत वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि की रिपोर्ट की जांच करेगी, जिन्हें पहले होमबायर्स से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए कोर्ट रिसीवर के रूप में नियुक्त किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट का लिया संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को पिछली सुनवाई में सुरेखा परिवार के संबंध में जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था। उक्त रिपोर्ट के अनुसार, 215 करोड़ रुपये की टीएमटी बार की आपूर्ति वास्तविक नहीं पाई गई, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act, 2022 ) के प्रावधानों के तहत एक विस्तृत जांच अभी भी चल रही है। उचित कदम जांच के बाद ही उठाए जाएंगे।
कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रेरा रजिस्ट्रेशन किया रद
- 25 जनवरी, 2019 को, शीर्ष अदालत ने सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) को दो रुकी हुई आम्रपाली आवास परियोजनाओं को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी थी।
- 23 जुलाई, 2019 को, अदालत ने एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में आम्रपाली की अधूरी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने और इन्हें जल्द से जल्द घर खरीदारों को सौंपने के लिए कहा।
- कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी) रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया था।
18 जुलाई 2022 को, शीर्ष अदालत ने कहा, 'कंपनी द्वारा उठाए गए मौद्रिक दावे पर सभी फ्लैट-खरीदारों के उनके द्वारा बुक किए गए संबंधित अपार्टमेंट के कब्जे के दावों और नोएडा/ग्रेटर नोएडा और इलेक्ट्रिसिटी कंपनी जैसी वैधानिक संस्थाओं या निगमों के दावों पर विचार किया जाएगा और संतुष्ट किया जाएगा।'
18 जुलाई 2022 को शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि फ्लैट-खरीदारों की दुर्दशा और निर्माण की प्रगति पर विचार करने के बाद, उसने बिजली कंपनी को बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया।
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