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    Adani ने सीमेंट से ऐसा क्या कर दिया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आ गया नाम, इस खास मंदिर से जुड़ा है पूरा मामला

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 01:48 PM (IST)

    अदाणी सीमेंट (Adani Cement Umiya Dham) ने पीएसपी इंफ्रा के साथ मिलकर उमिया धाम में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मंदिर की राफ्ट नींव की ढलाई पूरी की जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। 54 घंटे के लगातार ऑपरेशन में 24100 घन मीटर इकोमैक्स एम45 कंक्रीट का उपयोग किया गया। 60 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट में लगभग 2000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।

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    अदाणी सीमेंट्स ने बना दिया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

    नई दिल्ली। इसके साथ ही कंपनी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आ गया है। अदाणी सीमेंट ने गुरुवार को कहा कि इसने अपने ग्रुप की एक अन्य सहयोगी कंपनी पीएसपी इंफ्रा के साथ मिलकर उमिया धाम (Umiya Dham) में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मंदिर की राफ्ट नींव की ढलाई पूरी कर ली है।

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    450 फीट x 400 फीट x 8 फीट साइज वाले के इस आगामी विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर की राफ्ट नींव, 504 फीट ऊंचे जगत जननी मां उमिया मंदिर के 1,551 धर्म स्तंभों को सहारा देगी। इस मंदिर की परिकल्पना जसपुर में एक विशाल सामाजिक और सांस्कृतिक परिसर के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में की गई है।

    2000 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट

    यह ऐतिहासिक उपलब्धि 24,100 घन मीटर (एम3) ‘इकोमैक्स एम45’ ग्रेड के निम्न-कार्बन कंक्रीट का उपयोग करके 54 घंटे के लगातार ऑपरेशन में हासिल की गई। यह कंक्रीट, अदाणी सीमेंट द्वारा तैयार एक स्वामित्वपूर्ण टिकाऊ मिश्रण है, जो नए मानक स्थापित कर रहा है।

    अदाणी ग्रुप के सीमेंट व्यवसाय के सीईओ विनोद बाहेती ने कहा, “उमिया धाम 60 एकड़ में फैला एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक स्थल बनने के लिए तैयार है। इसमें लगभग 2,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। यह प्रोजेक्ट केवल विश्व रिकॉर्ड बनाने के बारे में नहीं है। यह अदाणी सीमेंट की गुणवत्ता, पैमाने, गति और उद्देश्य को दर्शाती है।”

    भक्ति और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच सेतु

    बाहेती ने आगे कहा, “जैसा कि हमारे चेयरमैन का मानना ​​है, ये केवल इंजीनियरिंग की उपलब्धियां नहीं हैं, बल्कि भक्ति और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच सेतु हैं। उमिया धाम में सफल राफ्ट कास्टिंग इस विजन का जीवंत प्रमाण है, जहां आस्था इनोवेशन को प्रेरित करती है, और इनोवेशन पूरे समाज का उत्थान करता है। जब हम इनोवेशन, लोगों और टिकाऊ सामग्रियों को एक साथ लाते हैं, तो हम ऐसे समाधान तैयार करते हैं, जो पीढ़ियों तक टिके रहते हैं और नए वैश्विक मानक स्थापित करते हैं।”

    600 से अधिक कुशल श्रमिकों का रहा योगदान

    अदाणी सीमेंट्स के अनुसार, यह 26 रणनीतिक रूप से स्थित रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमएक्स) संयंत्रों, एक समन्वित लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में कार्यरत 285 से अधिक ट्रांजिट मिक्सर, 3,600 टन उच्च-प्रदर्शन वाले सीमेंट और तीन दिनों तक शिफ्टों में काम करने वाले 600 से अधिक कुशल श्रमिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से संभव हुआ।

    पूरी प्रक्रिया की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी, जिससे बिना कोल्ड ज्वाइंट्स के निरंतर ढलाई सुनिश्चित की जा सके और पूरी प्रक्रिया के दौरान इष्टतम तापमान नियंत्रण और मिश्रण की एकरूपता बनी रहे।

    ‘ईकोमैक्स’ कंक्रीट का हुआ उपयोग

    ‘ईकोमैक्स’ कंक्रीट के उपयोग ने प्रोजेक्ट के कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम कर दिया, जो अदाणी सीमेंट की ग्रीन एनर्जी प्रेक्टिस के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

    विश्व उमिया फाउंडेशन के अध्यक्ष आर.पी. पटेल के अनुसार, जगत जननी मां उमिया (पार्वती) मंदिर का यह विश्व रिकॉर्ड शिलान्यास भारत की सांस्कृतिक और इंजीनियरिंग विरासत के लिए एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने आगे कहा, “बड़ी परियोजनाओं के निष्पादन में अदाणी सीमेंट की विशेषज्ञता ने उन्हें हमारा स्वाभाविक भागीदार बना दिया है।”

    कार्बन फुटप्रिंट में 60 प्रतिशत की कमी

    ‘ईकोमैक्स एम45’ कंक्रीट मिश्रण में 66 प्रतिशत पूरक सीमेंटयुक्त सामग्री (एससीएम) शामिल है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट में 60 प्रतिशत की कमी आई है। कंपनी ने कहा कि कूलक्रीट फॉर्मूलेशन ने प्लेसमेंट तापमान को 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे बनाए रखा, जिससे तापीय तनाव कम हुआ। इंफ्रास्ट्रक्चर में लगे थर्मोकपल वास्तविक समय में तापमान और स्थायित्व की निगरानी करते रहते हैं।

    अदाणी सीमेंट भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और रियल्टी सेक्टर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। वर्ल्ड वन टावर जैसी प्रतिष्ठित संरचनाओं से लेकर जम्मू-कश्मीर में चिनाब रेलवे ब्रिज जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों तक, कंपनी अब उमिया धाम मंदिर के साथ आध्यात्मिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तक अपनी विशेषज्ञता का विस्तार कर रही है।