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    अदाणी की एक और बड़ी डील! इस कंपनी की ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट की 100% हिस्सेदारी खरीदी; क्या बदलेगा पावर सेक्टर?

    By Jagran BusinessEdited By: Ankit Kumar Katiyar
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 09:10 PM (IST)

    Adani green energy expansion: अदाणी समूह ने एक और बड़ी डील की है, जिसके तहत एक कंपनी की ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट की 100% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया गया ...और पढ़ें

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    अदाणी की एक और बड़ी डील! इस कंपनी की ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट की 100% हिस्सेदारी खरीदी; क्या बदलेगा पावर सेक्टर?

    एजेंसी, नई दिल्ली| अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) ने अपने पावर नेटवर्क को और मजबूत करते हुए पीएफसी कंसल्टिंग से केपीएस 111 एचवीडीसी ट्रांसमिशन लिमिटेड (AESL acquires KPS 111 HVDC) में 100% हिस्सेदारी खरीद ली है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि यह अधिग्रहण उसके विस्तार और अधिग्रहण (Adani green energy expansion) के जरिए शेयरधारकों का मूल्य बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, डील की रकम का खुलासा नहीं किया गया है।

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    यह परियोजना बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसका उद्देश्य 2.5 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा (2.5 GW renewable energy transmission) के ट्रांसमिशन को सक्षम बनाना है। यह खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क की चरण-5 योजना से जुड़ा है, जिसका लक्ष्य देश में ग्रीन एनर्जी के उत्पादन और सप्लाई को तेजी देना है।

    कितना बड़ा है यह प्रोजेक्ट?

    कंपनी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा है कि इससे भविष्य में खावड़ा पार्क से अतिरिक्त 8 गीगावाट नवीकरणीय ( Khavda 8 GW extra evacuation capacity) बिजली की निकासी भी संभव हो सकेगी। यानी आने वाले वर्षों में सोलर और विंड पावर की सप्लाई काफी बढ़ जाएगी, जो भारत के क्लीन एनर्जी मिशन के लिए मजबूत कदम माना जा रहा है।

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    अधिग्रहण पर क्या बोली कंपनी?

    AESL ने बताया कि 12 दिसंबर 2025 को शेयर खरीद समझौता (SPA) साइन किया गया, जिसके तहत कंपनी ने KPS 111 HVDC ट्रांसमिशन लिमिटेड के सभी शेयर खरीद लिए। कंपनी का कहना है कि यह अधिग्रहण भविष्य में ट्रांसमिशन नेटवर्क को और मजबूत करेगा और बड़े स्तर पर ग्रीन पावर शिफ्ट को सपोर्ट करेगा।

    उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि HVDC तकनीक से लंबी दूरी तक बिजली का ट्रांसमिशन ज्यादा कुशल और कम नुकसान वाला होता है, इसलिए यह अधिग्रहण अदाणी के ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो को नई गति देगा। बता दें कि यह डील भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे को नई मजबूती देने वाली साबित हो सकती है।

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