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    West Champaran: बेतिया में कैसे काली कमाई कर रहे थे निलंबित डीईओ, घोटाले का कच्चा चिट्ठा आया सामने

    Updated: Thu, 30 Jan 2025 03:19 PM (IST)

    बिहार के बेतिया में पूर्व डीईओ रजनीकांत प्रवीण पर निलंबन की कार्रवाई के बाद सबमर्सिबल मोटर पंप और बेंच-डेस्क की आपूर्ति में गोलमाल की शिकायत की जांच आरंभ हो गई है। जिले के 2748 स्कूलों में बेंच-डेस्क की आपूर्ति हुई थी। जिले के करीब 500 स्कूलों में सबमर्सिबल मोटर पंप लगाया गया है। सभी की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई है।

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    पश्चिम चंपारण के पूर्व डीईओ रजनीकांत प्रवीण पर हुई है निलंबन की कार्रवाई। (फोटो जागरण)

    संवाद सूत्र, बेतिया। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पश्चिम चंपारण के पूर्व डीईओ रजनीकांत प्रवीण पर निलंबन की कार्रवाई के बाद सबमर्सिबल मोटर पंप और बेंच-डेस्क की आपूर्ति में गोलमाल की शिकायत की जांच आरंभ हो गई है।

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    शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. सतीश चंद्र झा ने प्रभारी डीईओ से वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024- 25 में सबमर्सिबल मोटर पंप, डेस्क बेंच और अन्य योजनाओं के कार्यान्वय से संबंधित संचिका तलब किया है।

    इस मामले में प्रभारी डीईओ मनीष कुमार सिंह ने बीते 29 जनवरी को संबंधित संचिका विकास भवन पटना में जमा करा दिया है। बताया जाता है कि जिले में इस गोलमाल को लेकर विभागीय काल सेंटर में शिकायत मिली है।

    इसके बाद इसकी जांच शुरू हुई है। जिले में 2748 स्कूल है। इन सभी स्कूलों में बेंच डेस्क की आपूर्ति हुई है। जिले के करीब 500 स्कूलों में सबमर्सिबल मोटर पंप लगाया गया है। सभी की गुणवत्ता को लेकर शिक्षक, शिक्षक संघ और ग्रामीणों की ओर से शिकायत की जा रही है।

    उल्लेखनीय है कि बीते 23 जनवरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के आवास पर छापेमारी कर स्पेशल विजिलेंस की टीम ने आय से अधिक संपत्ति का मामला उजागर किया था। इस मामले के संज्ञान में आते ही विभाग ने डीईओ को निलंबित भी कर दिया था।

    दो वर्ष में 50 करोड़ का भुगतान

    सूत्रों का कहना है कि जिले के स्कूलों में बेंच डेस्क के मद में दोनों वित्तीय वर्ष को मिलाकर करीब 50 करोड़ का भुगतान किया गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नर्वोदय ठाकुर का कहना है कि जिले के प्राय: स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को डरा धमका कर घटिया किस्म के बेंच डेस्क की आपूर्ति की गई है।

    जो बेंच डेस्क छह माह में ही टूटने लगा है। कई स्कूलों में बगैर बेंच - डेस्क की आपूर्ति किए वेंडर को भुगतान कर गोलमाल किया गया है। कई स्कूलों का फर्जी मुहर और हस्ताक्षर पर भी इस मद में निकासी की गई है। विभाग ने संज्ञान लिया है। अब इसकी जांच हो रही है तो सच्चाई उजागर होगी।

    सात करोड़ की थाली, हो गई काली

    जिले के शिक्षक एकता मंच ने अब स्कूलों में आपूर्ति की गई थाली की गुणवत्ता में घालमेल की शिकायत को लेकर संघर्ष आरंभ किया है। मंच के संयोजक विपिन प्रसाद का कहना है कि थाली की खरीद में जिले में सात करोड़ का भुगतान किया गया है।

    गुणवत्ता का आलम यह है कि छह माह में ही सभी थालियां काली हो गई हैं। कई स्कूलों में फर्जी विपत्र पर एक वर्ष में दो बार थाली मद में भुगतान किया गया है।

    जिन थालियों की आपूर्ति स्कूलों में की गई, उनकी कीमत मार्केट में 30 से 40 रुपये है। जबकि उन थालियों का भुगतान 140 रुपये प्रति थाली के दर से किया गया है।

    शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के निर्देश पर संबंधित संचिका प्रतिवेदन के साथ विभाग में जमा करा दिया गया है। विभागीय स्तर से जांच हो रही है। इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।  - मनीष कुमार सिंह, प्रभारी डीईओ, पश्चिम चंपारण

    थाली की खरीद विभागीय निर्देशानुसार यूसी जैम के माध्यम से की गई है।गुणवत्ता से संबंधित शिकायत मुझे अभी तक नहीं मिली है। अगर कोई गड़बड़ी है तो शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। - कुणाल गौरव, डीपीओ, एमडीएम

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