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    यहां भी आएंगे श्रीराम... बिहार के इस गांव में मुसलमान भी करा रहे श्रीरामजानकी मंदिर का निर्माण, आर्थिक रूप से भी दे रहे सहयोग

    Updated: Thu, 04 Jan 2024 11:56 AM (IST)

    अयोध्‍या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसह तरह से पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज-गौनाहा मुख्य पथ से लगे माधोपुर बैरिया गांव में भी प्रभु श्रीराम को लाने की तैयारी जोरो पर है। सबसे अच्‍छी बात यह है कि यहां श्रीरामजानकी मंदिर के निर्माण में मुस्लिम परिवार के सदस्य भी श्रमदान और आर्थिक सहयोग कर रहे हैं।

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    प. चंपारण के गौनाहा स्थित माधोपुर में बन रहा श्रीरामजानकी मंदिर।

    विवेक कुमार, गौनाहा (पश्चिम चंपारण)। एक तरफ अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, वहीं पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज-गौनाहा मुख्य पथ से लगे माधोपुर बैरिया गांव में भी प्रभु श्रीराम को लाने की तैयारी है। यहां श्रीरामजानकी मंदिर के निर्माण में मुस्लिम परिवार के सदस्य भी श्रमदान और आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से उत्साहित लोग यहां भी तेजी से काम करा रहे हैं। 29 नवंबर, 2023 को भूमि पूजन के बाद नींव तक कार्य पूरा हो चुका है। अगले वर्ष मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी।

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    तीन लोगों ने दान की है जमीन

    मंदिर निर्माण के लिए माधोपुर निवासी रामजी साह, ललन साह और लक्ष्मण साह ने करीब तीन कट्ठा (13 हजार वर्ग फीट) जमीन दान दी है। इसपर करीब 25 लाख की लागत से मंदिर निर्माण का काम चल रहा है। भूमिदाताओं का कहना है कि इस भूमि को प्रभु के चरणों में समर्पित किया गया है। उनकी शक्ति से ही दुनिया प्रकाशमान है।

    मंदिर निर्माण के लिए 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इनमें पांच सदस्य नाजिर अहमद उर्फ छोटाबाबू, नूरलबी खां, आलमगीर, पप्पू खां और सजरुल खां मुस्लिम हैं। समिति के सचिव नाजिर अहमद ने 20 हजार की गिट्टी दान की है।

    माधोपुर गांव में मंदिर निर्माण में श्रमदान करते श्रमिक। 

    सद्भाव स्थल के रूप में होगी पहचान

    समिति के अध्यक्ष राजा मिश्रा का कहना है कि मंदिर निर्माण के पहले दोनों समुदायों की बैठक हुई थी। एक वर्ष में निर्माण का संकल्प लिया गया है। दोनों समाज के लोग आर्थिक सहायता से लेकर श्रमदान कर रहे हैं। यह मंदिर आस्था का केंद्र होने के साथ आपसी भाईचारे का प्रतीक भी होगा।

    निर्माणाधीन श्रीरामजानकी मंदिर से कुछ ही दूरी पर मस्जिद भी है। गांव में भक्तिभाव है। अभी चंदे के लिए पूरे क्षेत्र के लोगों के पास समिति नहीं गई है। जैसे-जैसे मंदिर का काम आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हिंदू और मुस्लिम परिवारों से संपर्क किया जा रहा है।

    सभी समान रूप से सहभागी बन रहे हैं। तीन वार्डों में विभक्त माधोपुर गांव में करीब 500 घर हैं, जिनमें आधे मुसलमानों के हैं। माधोपुर पंचायत की मुखिया मंजुला मिश्रा का कहना है कि दोनों समाज के लोगों ने मिसाल कायम की है। यह अनुकरणीय है।

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