West Champaran: भीषण गर्मी के बीच बदला स्कूलों का समय, 7 अप्रैल से सुबह लगेगी क्लास
बढ़ती गर्मी को देखते हुए बगहा के स्कूलों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब सभी सरकारी स्कूल सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 12.30 बजे तक चलेंगे। इस नए समय सारणी से बच्चों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी और वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएंगे। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम न केवल बच्चों को गर्मी से बचाएगा बल्कि उनकी पढ़ाई में भी सुधार लाएगा।
संवाद सूत्र, बगहा। शहर में बढ़ती गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के समय में बड़ा बदलाव किया है। सात अप्रैल से लेकर एक जून तक, सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों का संचालन सुबह के समय किया जाएगा।
इस निर्णय से बच्चों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। अभी बच्चों को धूप में स्कूल जाते हुए धूप और गर्मी की वजह से परेशान होना पड़ता है।
नई समय सारणी के अनुसार, स्कूल अब सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 12:30 बजे तक चलेंगे। इसके तहत 11:40 बजे से 12:20 बजे तक सातवां पीरियड होगा और इसके बाद बच्चों को छुट्टी मिल जाएगी।
12:20 से 12:30 तक स्कूल के प्रिंसिपल बच्चों की पढ़ाई की समीक्षा करेंगे। इस दौरान कार्य योजना और होमवर्क की भी जांच की जाएगी।
समय सारणी में बदलाव के कारण
अभी तक स्कूलों का समय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक था, लेकिन इस समय में बच्चों को दोपहर के समय भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता था।
बढ़ते तापमान और गर्मी के कारण शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया कि बच्चों की पढ़ाई के दौरान उन्हें अधिक गर्मी से बचाने के लिए सुबह का समय बेहतर रहेगा।
शिक्षकों के पढ़ाए गए विषयों की प्रधानाध्यापक स्तर पर होगी जांच
इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषयों की भी प्रधानाध्यापक स्तर पर समीक्षा की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को उनकी कक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार सही तरीके से शिक्षा दी जा रही है और कोई भी पढ़ाई से संबंधित समस्या नहीं उत्पन्न हो रही है।
नए बदलाव से राहत मिलने की उम्मीद
शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम न केवल बच्चों को गर्मी से बचाएगा, बल्कि उनकी पढ़ाई में भी सुधार लाएगा। अब बच्चों को अधिक गर्मी और थकान का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनकी ध्यान क्षमता में वृद्धि होगी और वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएंगे।
इस समय सारिणी में बदलाव से बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों को भी राहत मिलेगी। वही उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
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