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    Saharsa News: सरकारी स्कूलों में अब अभिभावकों की सहमति के बिना बच्चे नहीं बनेंगे रिपीटर, आदेश जारी

    सरकारी स्कूलों में अब आठवीं तक के बच्चों को अभिभावक की मर्जी के बिना रिपीटर नहीं बनाया जा सकेगा। अभिभावकों की सहमति के बिना किसी भी बच्चे को पिछली कक्षा में नहीं रखा जाएगा। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं। सभी नामांकित छात्रों को स्वतः अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। सभी जिलों के डीईओ इसका पालन सुनिश्चित करेंगे।

    By Rajesh Kumar Roy Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 04 Apr 2025 03:05 PM (IST)
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    अभिभावक के मर्जी से ही आठवीं तक के बच्चे होंगे रिपीटर (सांकेतिक तस्वीर)

    संसू , नवहट्टा ( सहरसा)। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं तक के बच्चे अभिभावक की मर्जी के बिना रिपीटर नहीं बनेंगे। अगर अभिभावक को ऐसा लगता है कि बच्चे के विकास के लिए पिछली कक्षा में एक वर्ष और रहने की जरूरत है तो इसके लिए वे स्कूल के एचएम से संपर्क कर सकते हैं।

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    अभिभावकों की राय जरूरी

    अभिभावकों की राय के बिना सरकारी स्कूलों में किसी भी बच्चे को रिपीटर की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्देश जारी किया गया है। सभी जिलों के डीईओ इसका पालन सुनिश्चित करेंगे।

    प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने विभाग के निर्णय से सभी को अवगत कराया है। कहा गया है कि सभी नामांकित छात्रों को स्वतः अगली कक्षा में प्रमोशन किया जाए।

    ई-शिक्षाकोष में दर्ज छात्रों की सूची को अगली कक्षा के लिए अपडेट कर दिया जाएगा। अगर किसी छात्र को पुरानी कक्षा में रिपीट करने की आवश्यकता हो तो अभिभावक की सहमति से ऐसा किया जाएगा।

    अकादमिक वातावरण बनाने पर बल

    स्कूलों में बेहतर अकादमिक वातावरण के निर्माण के लिए सभी बीईओ और स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है। स्कूलों में निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी विद्यालयों में पूर्व कक्षा का रिवीजन किया जा रहा है या नहीं।

    महीने के अंत में छात्र-छात्राओं की परीक्षा संचालित की जा रही है या नहीं। स्कूल स्तर पर अकादमिक रिकॉर्ड संधारित हो रहा है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।

    इस महीने पिछली कक्षाओं का रिवीजन कराया जाएगा। इस आधार पर इस महीने के अंत में परीक्षा लेकर बच्चों को प्रगति का आंकलन किया जाएगा। साथ ही स्कूलों के एचएम यह सुनिश्चित करेंगे कि अकादमिक रिकॉर्ड को मेंटेन किया जा रहा है।

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