बिहार के शराबियों का नया ठिकाना बनी ये ‘मस्तानी ट्रेन’, जानिए
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद यहां के लोग शराब पीने के लिए यूपी का रूख करते हैं। प्रतिदिन 22 किलोमीटर की यात्रा कर शराब पीने के बाद ट्रेन से वापस घर लौट आते हैं।
पश्चिम चंपारण [जेएनएन]। सूबे में शराबबंदी लागू होने के बाद शराबियों ने नया ठिकाना खोज लिया है। ऐसे लोग गोरखपुर-नरकटियागंज सवारी गाड़ी की सहायता से अपनी तलब पूरी करते हैं। यूपी से शराब पीकर अधिकांश लोग इसी ट्रेन से घर लौटते हैं। इसके लिए लोग 22 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इस कारण इसका नाम ‘मस्तानी ट्रेन’ भी पड़ गया है।
नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड में यूपी का सबसे पहला रेलवे स्टेशन पनियहवा है। शाम के करीब पौने छह बजे हैं। 55071 नरकटियागंज-गोरखपुरसवारी गाड़ी प्लेटफॉर्म पर रुकती है। सैकड़ों यात्री उतरते हैं। काफी संख्या में मजदूर वर्ग के लोग हैं।
ये स्टेशन से निकलते ही बाहर बने करीब दर्जनभर झोपड़ीनुमा ढाबे में अड्डा जमा लेते हैं। इन ढाबों के संचालक पहले से ही बिहार से आनेवाली इस ट्रेन व शराब पीनेवालों का इंतजार कर रहे होते हैं। इन लोगों के आते ही ये तेजी से ग्राहकों की मांग पूरी करने में जुट जाते हैं।
बिना कुछ कहे वे इनलोगों को मछली-चूड़ा और लैला (शराब का एक ब्रांड) परोस देते हैं। इस तरह ये ढाबा मयखाना में बदल जाता है। दो-तीन घंटे के बाद 55082 व 55030 सवारी गाड़ी गोरखपुर से आती है। अब तक मदमस्त हो चुके ये लोग प्लेटफॉर्म की और बढ़ते हैं और ट्रेन में सवार होकर घर आ जाते हैं। पुलिस की सख्ती से बचने के लिए ये लोग पान मसाला व दवा का भी सहारा लेते हैं। इसकी व्यवस्था भी ढाबे के संचालक करके रखते हैं।
बिहार-यूपी बॉर्डर होने के कारण बगहा और पनियहवा रेलवे स्टेशन के बीच करीब 22 किमी की दूरी शराबी भयमुक्त होकर तय करते हैं। सीमावर्ती इलाका होने के कारण रेल पुलिस बगहा रेलवे स्टेशन तक ही ट्रेन की सुरक्षा करती है। बगहा से यह ट्रेन बगैर पुलिस सुरक्षा के पनियहवा तक पहुंचती है।
यह भी पढ़ें: बिहार में जहर का कारोबार, हर दिन बेची जाती है चार करोड़ की नकली दवा
वापसी में भी यही स्थिति रहती है। इधर, गुमनामी की शर्त पर पियक्कड़ कहते हैं कि पीने की आदत छूट नहीं रही है। पीने के लिए प्रतिदिन कम से कम 22 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ती है। पकड़े जाने का भय भी बना रहता है।
यह भी पढ़ें: ये है बिहार की खूनी सड़क, तीन महीने में गई 65 लोगों की जान
'ट्रेनों में नियमित रूप से जांच की जाती है। शराब के कारोबारियों व शराबियों की भी जांच होती है। यही वजह है कि समय-समय पर शराबी पकड़े जाते हैं और शराब जब्त होती है। वाल्मीकि नगर रोड रेलवे स्टेशन तक जीआरपी गश्त लगाती है।'
सुनील कुमार द्विवेदी, जीआरपी थानाध्यक्ष, नरकटियागंज
यह भी पढ़ें: रात को देते थे लूट की घटना को अंजाम, दिन में करते थे अय्याशी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।