Bihar News: किसानों पर फिर मेहरबान हुई नीतीश सरकार, चुनाव से पहले खेती को लेकर दे दी एक और खुशखबरी!
Bihar News बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। अब किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन करने के लिए ड्रोन से कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव करने पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों को अनुदान मिलेगा।

जागरण संवाददाता, बेतिया। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा एलान कर दिया है। कृषि विभाग की ओर से कम लागत में अधिक उत्पादन को लेकर बेतिया जिले के किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
इसके लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान की सुविधा के बारे में भी बताया जा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार राय ने बताया कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कृषि योजनाओं के बारे में कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों के माध्यम से किसानों को जागरूक करें।
किसानों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे इसका लाभ लेकर कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें।
प्रति एकड़ 480 रुपये का आता है खर्च
- जिले में 3.80 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती हुई है। इन फसलों में कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाता है।
- घोल बनाकर स्प्रे मशीन से छिड़काव करने पर अधिक खर्च आता है। जबकि ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों का प्रति एकड़ 480 रुपये का खर्च आता है। जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी।
- शेष राशि किसानों को वहन करना होगा। इसके लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर किसानों को अनुदान मिलेगा।
कर्मियों को मिला ये निर्देश
इसके लिए कर्मियों को किसानों से ऑनलाइन आवेदन कराने का निर्देश दिया गया है। जिले में 1800 एकड़ में लगी फसलों पर ड्रोन से कीटनाशक एवं तरल उर्वरक का छिड़काव का लक्ष्य रखा गया है।
आत्मा के उप परियोजना निदेशक पूजा राय ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव से खेती में श्रम की बचत होती है। आने वाले दिनों में सरकार सभी खेतों में दवा और तरल उर्वरक का छिड़काव ड्रोन से करेगी। जिस पर किसानों को अनुदान मिलेगा।
कौशल विकास से आत्मनिर्भर होंगे युवा
कौशल विकास के माध्यम से बेरोजगार युवक युवतियां आत्मनिर्भर बन सकते हैं। कृषि के क्षेत्र में बेहतर करने की संभावनाएं हैं। आधुनिक कृषि यंत्रों और जैविक उर्वरकों के प्रयोग से खेती की लागत कम की जा सकती है।
जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार राय किसान भवन में आत्मा के सहयोग से बिहार कौशल विकास मिशन अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट के प्रशिक्षणार्थियों के बीच बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन से बेहतर वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया जा सकता है।
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