जागरण संवाददाता, बेतिया। सरकार की पहल पर शुरू किया गया पालना गृह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहतर साबित हो रहा है।
समाहरणालय के जन संपर्क विभाग के भवन में यहां के पालना गृह का शुभारंभ एक अप्रैल 2023 को हुआ। शुभारंभ केवल एक ही बच्चे से हुआ।
आज समाहरणालय परिसर में कार्य कर रही महिला कर्मियों के चार-चार बच्चे इसमें नामांकित हैं। कलेक्ट्रेट में पालना गृह की सफलता के बाद अब बेतिया और बगहा पुलिस लाइन में भी पालना गृह संचालित करने की तैयारी है।
महिला एवं बाल विकास निगम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अभिषेक प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत जिले में तीन पालना गृह खोलने का प्राविधान है।
इसके तहत बेतिया एवं बगहा पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भी शीघ्र पालना गृह खोला जाएगा। वहां जगह मिल गई है। कलेक्ट्रेट में संचालित पालना गृह से महिला कर्मियों को काफी लाभ हुआ है।
इसी प्रकार पुलिस मुख्यालय में भी महिला कर्मियों के लिए सुविधा होगी। बच्चे के जन्म के बाद कई कामकाजी महिलाओं को छोडनी पड़ती है। इसे रोकने के लिए पालना घर की शुरुआत की गई है।
पालना गृह को महिलाओं के कार्य जीवन संतुलन को मजबूत करने की दिशा में बेहतर साबित हो रहा है। शून्य से पांच वर्ष की आयु के बच्चे की देखभाल एवं सुरक्षा के लिए तैयार किया गया।
यह केंद्र केवल महिला कर्मियों की जिम्मेवारी को सही मायने में कम कर रहा है। यहां आकर वे अपने बच्चे को छोड़ जाती हैं और अपने कार्य समापन के बाद बच्चे को घर लेकर वापस चली जाती हैं।
महिलाकर्मियों होता है यह फायदा
- महिला हेल्पलाइन में कार्यरत महिला कर्मी रंजिता बताती हैं कि वे ढ़ाई साल के बच्चे को इस पालना गृह में छोड़ कर अपने कार्य में लग जाती हैं।
- इस दौरान उन्हें अपने बच्चे की चिंता नहीं रहती है। ऐसे में वे अपने रूटीन वर्क बखूबी निभाती हैं। पालना गृह में कामकाजी महिलाओं की कार्यशैली को मजबूत कर रही है।
- पालना गृह में चार बच्चे नामांकित हैं। वर्तमान में दो महिला कर्मियों के बच्चे नियमित रूप से यहां कार्य अवधि में रहते हैं।
बच्चे पर दिया जाता है ध्यान
यहां आ रहे बच्चे को हर बिन्दु पर ध्यान दिया जाता है। कार्य अवधि में उनकी मां कार्यालय में होती हैं। ऐसे में बचे अपनी मां नहीं खोजे इसके लिए पालना गृह में विभिन्न प्रकार के खिलौनों की व्यवस्था की गई है।
पालना गृह में गर्म एवं ठंडा पानी को छोड़कर अन्य खाद्य पदार्थ की व्यवस्था नहीं होती है, बल्कि इसे उनकी मां को ही लाकर यहां रख देना पड़ता है।
पालना गृह में प्रतिनियुक्त कृष्णावती देवी बताती हैं कि इस केंद्र में पानी गर्म करने के साथ -साथ फ्रीज की व्यवस्था की गई है। ताकि बच्चों के लिए पेय एवं खाने की सामग्री कुछ घंटे तक सुरक्षित रखी जा सके।
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