झमाझम बारिश से गन्ने की फसल को मिली संजीवनी, धान की बुआई में भी होगा जबरदस्त फायदा
पश्चिम चंपारण में हुई बारिश से किसानों को राहत मिली है। गन्ने की फसल को झुलसने से राहत मिली और हरियाली लौट आई है। किसान अब धान के बिचड़े की तैयारी कर सकेंगे क्योंकि खेतों में नमी आ गई है। नहरों से सिंचाई की कमी के कारण महंगे डीजल का उपयोग कर रहे किसानों को इस वर्षा से आर्थिक राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। क्षेत्र में रविवार की सुबह आंधी के साथ हुई बारिश से लोगों को गर्मी के सितम से राहत मिली है। वहीं, गन्ना की हरियाली लौट आई है। अब धान का बिचड़ा (paddy seedling) तैयार करने के लिए किसान खेतों की जुताई कर सकेंगे। इसके लिए नमी की जरूरत महसूस की जा रही थी।
बारिश से किसानों को फायदा
कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि वर्षा से खेतों में नमी होने के कारण किसान धान का बीच गिराएंगे। खेतों की तैयारी की जा सकेगी। बारिश से गर्मी से भी राहत मिली है, तापमान 24 डिग्री रहा।
दूसरी तरफ झूलस रहे गन्ने को भी बारिश से थोड़ी राहत मिल गई है, गन्ना की कोड़ाई नहीं हो पा रही थी। लगातार धूप के कारण मिट्टी कड़ी हो गई थी। वर्षा से मिट्टी में नमी आई है।
गन्ने की फसल को मिली राहत
किसान सुदर्शन पटेल ने बताया कि बारिश से गन्ने की फसल को राहत मिली है। जो किसान फिलहाल सिंचाई के लिए बेचैन थे, अब उन्हें एक सप्ताह चिंता नहीं रहेगी। धान का बीज गिराने के लिए खेतों में नमी का इंतजार कर रहे किसानों को भी इससे राहत मिली है। अब वे खेतों की जुताई कर सकेंगे।
किसानों को नहीं मिल रहा नहर से सिंचाई का लाभ
बता दें इस क्षेत्र में किसानों को नहरों से सिंचाई व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। मजबूरी में किसानों को महंगे डीजल और बिजली से अपनी फसलों की सिंचाई करनी पड़ रही है। ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए राहत बनी है।
किसानों का कहना है कि इसी तरह पांच सात दिनों में फिर बारिश हो जाए तो किसानों को आर्थिक क्षति नहीं उठानी पड़ेगी और गन्ना का विकास तेजी से होगा। कई किसानों ने बताया कि गन्ना में खाद डालने के लायक बारिश नहीं हुई है, लेकिन कड़ी धूप के कारण जिस तरह गन्ना झुलस रहे थे, उन्हें राहत जरूर मिली है।
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