Kanwar Yatra 2025: वाल्मीकि नगर के नदी घाट पर तैनात रहेंगे SSB के गोताखोर, कांवरियों के लिए विशेष व्यवस्था
सावन मास में वाल्मीकि नगर में कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ रही है जिसमें नेपाल से भी श्रद्धालु शामिल हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने नदी घाटों का निरीक्षण किया है और खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। एसपी ने पुलिस गश्त बढ़ाने और गोताखोरों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

जागरण संवाददाता, बगहा। सावन में राज्य के अलावा नेपाल से भी भारी संख्या में कांवरियों का जत्था वाल्मीकि नगर पहुंचाता है। जहां से जल बोझी कर कांवरिया पहले स्थानीय मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। उसके बाद बगहा, रामनगर, अरेराज सहित अन्य जगहों पर जलाभिषेक के लिए रवाना होते है।
विभिन्न जगहों से आने वाले कांवरियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसको लेकर बगहा पुलिस की ओर से सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है।
अधिकारियों ने नदी घाटों का किया निरीक्षण
जिसमें किसी प्रकार का त्रुटि नहीं हो इसके लिए शनिवार को एसपी सुशांत कुमार सरोज ने एसडीपीओ कुमार देवेन्द्र व थानाध्यक्ष के साथ वाल्मीकि नगर स्थित विभिन्न नदी घाटों का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि नदी के खतरनाक घाटों का निरीक्षण कर उस जगह पर पोस्टर बैनर लगाया जाए। साथ ही एसएसबी से संपर्क स्थापित कर उनके गोताखोर को नदी के किनारे तैनात किया जाए।
श्रद्धालुओं को न हो परेशानी
जिससे कि जल भरने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो सके। एसपी ने बताया कि सावन में वाल्मीकि नगर में भारी भीड़ जमा होती है। जिसे देखते हुए उन्होंने थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि पूरे क्षेत्र में पुलिस गश्ती करने का आदेश दिया।
साथ ही गोलचौक पर भी पुलिस की तैनाती की जाए। जिससे कि वहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो सके।
दोन नहर पर गश्ती बढ़ाने का निर्देश
नदी घाट का निरीक्षण करने पहुंचे एसपी ने कांवरियों के आने वाले रास्तों का भी जायजा लिया। जिसके तहत उन्होंने दोन नहर पर भी पुलिस की गश्ती बढ़ाने का आदेश वाल्मीकि नगर, नौरंगिया, लौकरिया, सेमरा, भैरोगंज व रामनगर थाने को दिया है।
पूरे सावन में कांवरियों का जत्था वाल्मीकि नगर पहुंचते रहता है। जहां से जल भर कर दोन नहर के रास्ते लौकरिया थाने के 62 पुल पर पहुंचने के कुछ बगहा व अरेराज के लिए रवाना होते है जबकि अधिकतर लोग नहर के रास्ते रामनगर स्थित शिव मंदिर को जाते है।
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