Muzaffarpur News: अव्यवस्था से झल्लाए मरीजों ने कहा, जब कुछ भी दुरुस्त नहीं है तो किस बात का माडल अस्पताल
मुजफ्फरपुर के मॉडल अस्पताल में दोपहर में बिजली गुल होने से अफरा-तफरी मच गई। निबंधन सेवा ठप होने से मरीजों को परेशानी हुई और जेनरेटर भी नहीं चला। नाराज मरीजों ने हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि आउटसोर्सिंग एजेंसी से जवाब मांगा गया है और भविष्य में ऐसी घटना न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। बिजली गुल होने से करीब 100 मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । शहर के माडल अस्पताल में शुक्रवार को बिजली गुल होने के बाद अफरा-तफरी मच गई। दोपहर करीब साढे 12बजे बिजली कटी, जो करीब आधे घंटे तक बहाल नहीं हो सकी। इस दौरान अस्पताल में निबंधन सेवा ठप हो गई, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बिजली कटने के बाद न तो जेनरेटर चालू हुआ और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इससे नाराज मरीजों ने निबंधन काउंटर पर जमकर हंगामा किया।
कई मरीज बिना निबंधन और इलाज के वापस लौट गए। वहीं, कुछ मरीजों ने दूसरी पाली यानी चार बजे तक बैठकर इंतजार किया। मुशहरी से इलाज कराने पहुंचे राजेश राय ने नाराजगी जताते हुए कहा, यह केवल नाम का माडल अस्पताल रह गया है। मरीजों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।उधर, बिजली कटने के कारण उमस से परेशान अस्पताल कर्मी भी कमरे में ताला लगाकर बाहर निकल गए। जब बिजली आई तब जाकर वे लौटे।
बिजली और निबंधन सेवा ठप रहने से करीब 100 मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा। लोगों में अस्पताल प्रबंधन को लेकर नाराजगी देखी गई। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि जेनरेटर संचालन की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग एजेंसी को दी गई है। संबंधित एजेंसी से जानकारी मांगा गया है। उन्होंने बताया कि तकनीकी खामी के कारण थोड़ी देर परेशानी हुई, लेकिन बिजली नियमित होने से स्थिति सामान्य हो गई। साथ ही कहा कि अब से वे खुद निगरानी करेंगे ताकि ऐसी परेशानी दोबारा न हो।
अस्पताल में डाक्टर, फिर भी पारा मेडिकल स्टाफ कर रहे इलाज
मुजफ्फरपुर : सड़क दुर्घटना में घायल दरियापुर कफेन निवासी अयोधी महतो को बेहतर इलाज की तलाश में उसके स्वजन सदर अस्पताल से लेकर एसकेएमसीएच तक दौड़ते रहे, लेकिन कहीं भी समुचित इलाज नहीं मिला। अंततः स्वजन उसे ई-रिक्शा से वापस घर ले गए।
पीड़ित के बेटे चंदन महतो ने नाराजगी जताते हुए कहा, सर, हर जगह पैसा देना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में अगर पैरवी न हो, तो गरीब की कोई सुनवाई नहीं होती। दरियापुर कफेन में एक वृद्ध पेंशन फार्म जमा करने सड़क पार कर रहे थे, तभी एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में अयोधी महतो का पैर टूट गया और हड्डी बाहर आ गई। सिर पर भी चोट लगी। करीब 3 बजकर 16 मिनट पर घायल को ई-रिक्शा से स्वजन सदर अस्पताल लाए।
इमरजेंसी वार्ड में उन्हें भर्ती किया गया, जहां पारा मेडिकल स्टाफ ने करीब 45 मिनट तक प्राथमिक इलाज किया। इसके बाद मरीज को एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया। चंदन का आरोप है कि अस्पताल में आर्थोपेडिक और सर्जन रहने के बावजूद, बिना डाक्टर की देखरेख के ही पारा मेडिकल स्टाफ ने पट्टी बांधी और मरीज को रेफर कर दिया। एम्बुलेंस से उसे माडल अस्पताल होते हुए एसकेएमसीएच भेजा गया।
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