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    Bihar Land Survey: जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने बढ़ा दिया भूमि सर्वे का समय

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 04:25 PM (IST)

    बिहार सरकार ने जमीन विवादों को खत्म करने के लिए शुरू किए गए जमीन सर्वे अभियान की तारीख बढ़ा दी है। पहले किसान और भूमि धारक 31 मार्च 2025 तक अपने कागजात जमा कर सकते थे। अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कागजात जमा किए जा सकते हैं। साथ ही स्व-घोषणा पत्र भी जमा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए संबंधित अमीन अधिकारी से संपर्क करें।

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    जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने बढ़ा दिया जमीन सर्वे का समय

    जागरण टीम, बगहा/मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार ने जमीन विवाद को समाप्त करने, जिसकी जमीन है, उसके कागजात जमा करने के लिए जमीन का सर्वे (Bihar Land Survey) अभियान आरंभ किया था। इसकी तिथि 31 मार्च 2025 तक निर्धारित की गई थी।

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    किसान व भूमि धारकों को कागजात जमा करने में हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार के भूमि राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने तिथि समाप्त होने के बावजूद भी ऑनलाइन व ऑफलाइन कागजात को स्व घोषणा पत्र के साथ जमा करने की सुविधा दी है।

    साथ ही सभी भूमि धारकों को जो भी कागजात उपलब्ध है, उसे संबधित अमीन अधिकारी के पास जमा करने को कहा गया है।

    एक ही जमीन के दो-दो दावेदार

    बता दें कि बगहा पुलिस जिले में अधिकांश मामले भूमि विवाद को लेकर ही घटित हो रहे हैं। कारण कि राजस्व विभाग के द्वारा एक ही जमीन के दो- दो दावेदारों को रसीद आदि काट दिया गया है। इस कारण को समाप्त करने के लिए सरकार ने पहल की है।

    अधिकारी ने क्या बताया?

    जमीन के सभी कागजात जमा करना अनिवार्य नहीं है। रैयत के पास जो कागजात हैं, उतने ही कागजात जमा कर सकते हैं। शेष कागजात किस्तवार जमा किए जा सकते हैं। स्वघोषणा तथा वंशावली जमा करने के लिए वेबसाइट भी उपलब्ध है। आदेश के आलोक में कार्य हो रहा है। - मनीष कुमार, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, बगहा-एक

    मुजफ्फरपुर: भू-समाधान पोर्टल पर कई थानों का रिकॉर्ड नहीं

    दूसरी ओर, भू-समाधान पोर्टल पर मुजफ्फरपुर जिले के कई थाने का रिकॉर्ड नहीं होने से परेशानी हो रही है। भूमि विवाद से संबंधित बैठकें तो हो रही हैं, इसका निदान और निष्कर्ष भी निकाला जा रहा है, लेकिन रिपोर्ट अपलोड करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। इसे लेकर एसडीओ पश्चिमी श्रेया श्री ने अपर समाहर्ता को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी है।

    उन्होंने कहा है कि पश्चिमी अनुमंडल में कई ऐसे थाने हैं जिसका रिकॉर्ड पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। इस कारण परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि भू-समाधान पोर्टल पर थानावार लंबित मामलों की पिछले दिनों समीक्षा की। इस दौरान इस त्रुटि का पता लगा। उन्होंने इसमें सुधार करवाने का अनुरोध किया है।

    बताया गया कि जैतपुर, फकुली, राजेपुर और पानापुर करियात थाना भू-समाधान पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा देवरिया थाना साहेबगंज और पारू दोनों अंचलों से संबद्ध दर्शाया जा रहा है। इसे एक ही अंचल से संबद्ध किए जाने की आग्रह किया है, जबकि तुर्की थाना का कुढ़नी अंचल और तुर्की खरारू नाम दर्ज है।

    इन सभी में उन्होंने सुधार की आवश्यकता जताई है, ताकि भूमि विवाद से संबंधित सभी मामलों की रिपोर्ट सही-सही अपलोड की जा सके। इसके अलावा इन सभी थानों को अंचल से संबद्ध करते हुए आइडी और पासवर्ड क्रिएट करने की बात कही है। ताकि बैठक के बाद जो निष्कर्ष निकलने, उसे अपलोड करने में परेशानी नहीं हो।

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