Bihar Bhumi: बिहार में फ्लैट खरीदारों को लगा बड़ा झटका, अपार्टमेंट की जमीन के दाखिल-खारिज पर रोक
बिहार सरकार ने अपार्टमेंट की जमीन को फ्लैट खरीदने वालों के नाम पर दाखिल-खारिज करने पर रोक लगा दी है। इस फैसले के पीछे विभाग का तर्क है कि फ्लैटधारियों के नाम से अपार्टमेंट की भूमि का नामांतरण किए जाने का कोई प्रविधान बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम-2011 या अन्य नियमावली में नहीं है। इससे भविष्य में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार में अपार्टमेंट की जमीन को फ्लैट खरीदने वालों के नाम से दाखिल-खारिज (Bihar Land Mutation) करने पर सरकार ने तत्काल रोक लगा दी है। इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं समाहर्ता को पत्र भेजा है।
इसमें लिखा है कि फ्लैटधारियों के नाम से अपार्टमेंट की भूमि का नामांतरण किए जाने का कोई प्रविधान बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम-2011 या अन्य नियमावली में नहीं है। इ
सके बावजूद कई अंचलों में अपार्टमेंट निर्माण के लिए क्रय की गई या समझौते से प्राप्त जमीन का दाखिल-खारिज अंचलों से किया जा रहा है। इसपर तत्काल रोक लगाई जाए।
क्यों लिया ये फैसला?
विदित हो कि अपार्टमेंट में फ्लैट की बिक्री के साथ सभी फ्लैटधारियों को उसके हिस्से के हिसाब से जमीन का नामांतरण कर दिया जाता है। विभाग का मानना है कि यह जमीन समानुपातिक होती है। इसमें फ्लैट की भूमि स्पष्ट रूप से चिह्नित नहीं होती है।
ऐसे में यह पता करना मुश्किल होता है कि उक्त जमीन किस हिस्से में है। इस स्थिति में फ्लैटधारियों के नाम से जमीन की जमाबंदी करने से भविष्य में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे संबंधित पक्ष का हित प्रभावित हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव ने और क्या कहा?
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि फ्लैटधारियों के नाम से जमीन के दाखिल-खारिज किए जाने की प्रक्रिया एवं प्रविधान निरूपित करने की कार्रवाई विभाग की ओर से प्रक्रियाधीन है। इससे संबंधित सॉफ्टवेयर भी विकसित की जा रही है। इसे देखते हुए जब सॉफ्टवेयर विकसित नहीं किया जाता साथ ही किसी तरह का प्रविधान नहीं होता, फ्लैटधारियों के नाम से अपार्टमेंट की जमीन के दाखिल-खारिज पर रोक लगाई जाए।
पंचायत भवन बनाने के लिए निजी भूमि का आवंटन, विरोध
दूसरी ओर, पंचायत सरकार भवन निर्माण में भूमि चिह्नित करने में मानकों की अनदेखी नहीं रुक रही है। विवादित तो कहीं कृषि भूमि चिह्नित करने के बाद अब मुशहरी प्रखंड के बड़ा जगन्नाथ में निजी भूमि का आवंटन कर दिया गया। जब भवन निर्माण विभाग की टीम के द्वारा इसका सीमांकन करने का अनुरोध किया गया।
इस बीच अभियंता और संवेदक ने कार्यस्थल का निरीक्षण किया तो स्थानीय एक व्यक्ति के द्वारा निर्माण कार्य का विरोध किया गया। बताया कि उक्त भूमि उनकी निजी है। इससे संबंधित केवाला भी है और इसकी कापी भी दिखाई गई। कागजात का अवलोकन करने के बाद टीम वहां से लौट गई।
भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. रवि चंद्र ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र भेजकर इससे अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि विवादित भूमि पर कार्य करना संभव नहीं है, इसलिए पंचायत सरकार भवन बनाने के लिए किसी दूसरे स्थल का चयन कर विभाग को उपलब्ध कराया जाए, ताकि निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
विदित हो कि इससे पूर्व भी तालाब, गड्ढ़े और विवादित भूमि चिह्नित कर आवंटन किया गया था। मुख्यालय से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने बिना स्थल निरीक्षण के भूमि आवंटन करने पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद भी अंचल स्तर से लगातार नियम और मानकों को अनदेखी की जा रही है।
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