Bagha News: 17 साल पुराने वकील की किडनैपिंग के केस में आया फैसला, एक आरोपी को आजीवन कारावास
बगहा में 17 साल पहले मोतिहारी के अधिवक्ता रत्नाकर मिश्र के अपहरण मामले में अदालत ने राजेन्द्र चौधरी को धारा 364 ए के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा होगी। राजेन्द्र 2023 से जेल में है और उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अभियोजन के अनुसार अपहरण फिरौती के लिए किया गया था।

जागरण संवाददाता, बगहा (पश्चिम चंपारण)। Bagha News: 17 वर्ष पहले मोतिहारी के वरिष्ठ अधिवक्ता रत्नाकर मिश्र के अपहरण कांड में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने सोमवार को अपहर्ता राजेन्द्र चौधरी उर्फ राजेन्द्र चौहान को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 ए के तहत आजीवन कारावास की सजा व 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।
अर्थदंड न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगी। आरोपी वर्ष 2023 से ही जेल में बंद है। उसके खिलाफ लौकरिया व सेमरा थाने में आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अभियोजन का कथन था कि आरोपी फिरौती के लिए अपहरण की घटना को अंजाम दिया था।
राजेन्द्र चौहान के विरुद्ध पूर्व से दर्ज आपराधिक मामले
- लौकरिया थाना कांड सं. 21/2004 दिनांक 13.05.2004, धारा 395 भादवि
- लौकरिया थाना कांड सं. 52/06 दिनांक 19.07.06, धारा 364ए भादवि
- लौकरिया थाना कांड सं. 86/95 दिनांक 30.11.1995, धारा 364ए/326/34 भादवि
- लौकरिया थाना कांड सं. 53/07 दिनांक 06.06.07, धारा 364ए/337/333/323/353/307 भादवि
- लौकरिया थाना कांड सं. 09/09 दिनांक 12.01.09, धारा 399/402/307/353/34 भादवि, 25 (1-बी)ए/26/27/35 आर्म्स एक्ट
- सेमरा थाना कांड सं. 33/06 दिनांक 15.10.06, धारा 353/34 भादवि, 25 (1-बी)ए/26/27/35 आर्म्स एक्ट
- सेमरा थाना कांड सं. 14/04 दिनांक 19.06.2004, धारा 364ए/34 भादवि
2008 में सेमरा थाने में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
24 अक्तूबर 2008 को अधिवक्ता की पत्नी कुमारी रंजू देवी के लिखित तहरीर पर सेमरा थाने में प्राथमिकी की गई थी। पुलिस ने जांच के बाद राजेन्द्र चौधरी उर्फ राजेन्द्र चौहान के विरुद्ध मामले को सत्य पाते हुए आरोप पत्र समर्पित किया।
न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्धआठ अप्रैल 2010 को अपराध का संज्ञान लिया। राजेंद्र चौधरी की उपस्थिति के पश्चात कोर्ट ने 12 मार्च 2024 को अभियुक्त के विरुद्ध धारा 364ए/34 भादवि के अंतर्गत आरोप का गठन कर हिंदी में पढ़कर सुनाया एवं समझाया गया। जिससे अभियुक्त ने इन्कार किया और विचारण का दावा किया।
न्यायालय द्वारा 30 जून को अभियुक्त का बयान धारा 313 दंप्रसं के अंतर्गत दर्ज किया गया है। जिसमें अभियुक्त ने घटना से इन्कार किया तथा स्वयं को निर्दोष बताया। परशुराम यादव, कृष्णानंद झा, रत्नाकर मिश्रा व कुमारी रंजू देवी ने अपने बयान में पुख्ता साक्ष्य कोर्ट को दिया। बचाव पक्ष की ओर से एक मौखिक साक्षी को प्रस्तुत किया गया।
दरवाजा तोड़कर घर से उठा ले गए थे
23 अक्तूबर 2008 की रात्रि में रंजू अपने पति रत्नाकर मिश्रा के साथ घर में सो रही थीं। बच्चे ननिहाल मोतिहारी में रहते हैं। रात्रि करीब 10.30 बजे चार-पांच अज्ञात अपराधी आये औरघर का दरवाजा तोड़कर घर में से अधिवक्ता पति को पकड़कर अपने साथ ले गये।
अपराधी सभी पैंट-शर्ट पहने हुए थे तथा सभी हथियार से लैस थे। अपराधियों के चले जाने के बाद अपने भैंसूर नवल किशोर मिश्रा को बताई। फिर गांव के लोगों को बुलाकर लाये। थाना रात्रि हो जाने के कारण सूचना नहीं दे सकी। अज्ञात अपराधी मेरे पति को फिरौती के लिए अपहरण कर ले गये हैं।
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