Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: बिहार में सेब की खेती, एक किसान ने असंभव काम को कर दिया संभव, अब 'चंदन' पर भी लगाया जोर

    बिहार के वैशाली जिले के पातेपुर प्रखंड के खेसराही गाँव के युवा किसान संजय सिंह ने सेब की सफल खेती कर दिखाई है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्रगतिशील किसान हरिमन शर्मा से प्रेरणा लेकर सेब की ऐसी प्रजाति विकसित की है जो गर्म प्रदेशों में भी उग सकती है और भरपूर उत्पादन दे सकती है। उन्हें देखकर और भी लोग प्रेरित हुए हैं।

    By Ravi Shankar Shukla Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 05 Feb 2025 06:43 PM (IST)
    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, पातेपुर (वैशाली)। सदाबहार सालोंभर बाजार में मिलने वाले सेब की खेती ठंडे प्रदेशों हिमाचल, जम्मू-कश्मीर में ही हो सकती है।

    इस मिथक को वैशाली जिले के पातेपुर प्रखंड अंतर्गत खेसराही के युवा किसान संजय सिंह ने तोड़ दिया है। अपने गांव में उन्होंने सेब की सफल खेती की है।

    इसमें सफलता प्राप्त होने के बाद युवा किसान के हौसले काफी बुलंद हुए हैं। अब वे दूसरे किसानों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।

    उनकी प्रेरणा का असर यह हुआ है कि सात प्रखंडों में किसानों ने प्रयोग के तौर पर सेब का पौधा लगाया है। युवा किसान संजय अब अंगूर, अंजीर और नाशपाती की खेती के अभिनव प्रयोग में जुटे हुए हैं।

    वहीं उन्होंने 800 चंदन का पौधा लगाया है जो काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। अपनी कामयाबी से उत्साहित संजय अब दूसरे जिलों में भी लीज पर जमीन लेकर खेती को आगे बढ़ाने के साथ ही किसानों को प्रेरित करने में जुटे हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल के प्रगतिशील किसान ने बढ़ाया हौसला

    संजय बताते हैं कि उन्हें यह प्रेरणा तब मिली जब हिमाचल प्रदेश के ही एक प्रगतिशील और अन्वेषी किसान हरिमन शर्मा ने इस मिथक काे गलत साबित कर दिया कि सेब की खेती सिर्फ ठंडे प्रदेशों में ही हो सकती है।

    उन्होंने अपनी मेहनत, अन्वेषी दिमाग से सेब की ऐसी प्रजाति विकसित कर दी है जो गर्म प्रदेशों में न केवल उग सकता है बल्कि भरपूर उत्पादन भी दे सकता है। इस राह पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने सेब की खेती शुरू की और उनका यह प्रयोग यहां सफल भी साबित हुआ।

    युवा किसान संजय कुमार सिंह। फोटो- जागरण

    जिले में पहला सेब का बाग पातेपुर के खेसराही में लगाया

    पातेपुर के खेसराही गांव के युवा किसान संजय सिंह ने 2014 में ग्राफ्ट वाले 800 सेब के पौधे लगाए थे। 15 पौधे ही जीवित रहे। संजय निराश हुए बगैर 2016 में 05 अलग-अलग प्रजाति के रूट स्टाक वाले पौधे लगाए।

    न्यू वेरायटी के इनोवेटर हरिमन शर्मा से फोन पर टिप्स लेकर समय पर देखभाल और कटिंग व प्रोनिंग करते रहे। उनकी मेहनत रंग लाई। अब एक-एक पौधे में 20 से 40 किलो तक फल लग रहा है।

    संजय को मिली सफलता ने खिंचा उद्यान विभाग की ध्यान

    यहां की जमीन पर सेब की सफल खेती के बाद संजय ने उद्यान विभाग का ध्यान खींचा। उद्यान विभाग ने सेब की खेती शुरू कराने की दिशा में पहल की।

    अब सेब की फार्मिंग को विस्तार मिलना शुरू हो गया है। जिला उद्यान विभाग ने जिले के सात प्रखंडों के 10 पंचायतों के एक-एक किसान को चयनित कर एक व आधा एकड़ में सेब की खेती कराई है।

    खेसराही के संजय तो पहले से ही खेती कर रहे हैं। नए सिरे से पातेपुर के चकजादो गांव के सुशील सुंदरम ने सेब की फसल लगाई है।

    गर्म आबोहवा के अनुकूल है सेब की यह नई प्रजाति

    खेसराही के सेब उत्पादक किसान संजय बताते हैं कि सेब के पौधे को 8 घंटे धूप जरूरी है। यहां के मौसम के अनुसार इन वेराइटी में बेहतर फल के लिए 08 घंटे धूप जरूरी है।

    इससे फल का रंग भी बेहतर होता है और साथ ही साथ बीमारी से भी बचाव होता है। सेब के पौधे को फंगस से बचाता है।

    हरा-पीला कलर वाले सेब का स्वाद होता है खट्टा-मीठा

    • संजय बताते हैं कि स्वाद के मामले में हरा-पीला कलर वाले हरिमन 99 सेब खट्टा मीठा स्वादिष्ट होता है। सेब की खेती जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी व ठंडे प्रदेशों में अधिक होती है।
    • हरिमन 99, एना, डोरसेट गोल्डन, माइकल और ट्रिपिकल स्वीट्स जैसी वेराइटी 40 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सह कर फल देता है।

    15 नवंबर से 15 फरवरी पौधे लगाने का सही समय

    संजय बताते हैं कि 15 नवंबर से 15 फरवरी पौधे लगाने का उपयुक्त समय है। पौधे लगने के दो वर्ष बाद इसमें फूल आते हैं।

    दिसंबर और जनवरी में फूल लगते हैं और मई व जून में फल तैयार हो जाते हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह से फूल आना चालू हो जाता है। अभी सेब की खेती को बढ़ाने के लिए बिहार के दूसरे कई जिला में भी बातचीत हो रही है।

    अंजीर, अंगूर और नाशपाती की खेती के साथ चंदन के लगाए पौधे

    सेब की खेती में कामयाबी मिलने के बाद संजय ने मधुबनी में 10 एकड़ जमीन लीज पार्टनर के हिसाब से लिया है, जहां सेब के अलावा अंजीर, नाशपाती और अंगूर की विभिन्न किस्म के पौधे लगाए हैं।

    संजय बताते हैं कि अब उन्हें चंदन की खेती भी सफलता मिली है। अभी बड़ा-छोटा मिलाकर करीब 800 पर चंदन का है, कुछ पौधा 04 साल का है, कुछ पौधा 10 साल का, कुछ पौधा दो साल का है। कुछ तीन साल का है। कुछ अभी लगा रहे हैं।

    कहते हैं किसान

    सेब की खेती में मिली कामयाबी के बाद अब अंजीर, अंगूर और नाशपाती की खेती शुरू की है। साथ ही चंदन का पौधा भी लगाया है। किसानों की आर्थिक प्रगति की दिशा में उनकी कोशिश लगातार जारी है। कोई भी किसान बगीचा विकसित करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। कोई भी किसान बगीचा घूमना चाहते हैं तो वह आ सकते हैं।- संजय कुमार सिंह, नगर पंचायत खेसराही पातेपुर

    यह भी पढ़ें-

    बिहार में सब्जी की खेती करने वाले किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने दे दी बड़ी खुशखबरी

    बिहार में 3 खास फलों को उगाने में साथ देगी बिहार सरकार, किसानों को मिल गई एक और बड़ी खुशखबरी!