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    Vaishali News: वैशाली में स्नातकोत्तर नामांकन सीटों की संख्या में कमी, 15 हजार छात्र होंगे वंचित

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 03:32 PM (IST)

    Vaishali News वैशाली में स्नातक पास छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद स्नातकोत्तर में सीटें नहीं बढ़ाई जा रही हैं। बीआरएबीयू मुजफ्फरपुर के अधीन छह जिलों में पीजी कॉलेजों और सीटों की संख्या कम है। डॉ. अभयनाथ सिंह ने कुलपति और सरकार से पीजी सीटें बढ़ाने की मांग की है क्योंकि इस साल 15 हजार से अधिक छात्र नामांकन से वंचित हो जाएंगे।

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    स्नातकोत्तर नामांकन सीटों की संख्या में कमी से 15 हजार छात्र होंगे वंचित (जागरण)

     जागरण संवाददाता, हाजीपुर। Vaishali News: वैशाली में स्नातक प्रतिष्ठा प्रत्येक वर्ष उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या बढ रही है, लेकिन स्नातकोत्तर में निर्धारित सीटों की संख्या नहीं बढने से प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में छात्र-छात्राए उच्च शिक्षा से वंचित हो रहें है। बीआरएबीयू मुजफ्फरपुर के अधीन छह जिला है।

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    आबादी और महाविद्यालयों के संख्या के अनुपात में स्नातकोत्तर महाविद्यालयों की संख्या काफी कम है। विश्वविद्यालय के विभागों और महाविद्यालयों में भी सीटों की संख्या काफी कम है। ऐसी स्थिति में नामांकन से वंचित हो रहे छात्राें के हित में स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बढ़ाया जाना अति आवश्यक है।

    स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग

    इस संबंध में बीपीएस कालेज प्राध्यापक सह तिरहुत शिक्षक क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी डा. अभयनाथ सिंह ने कुलाधिपति, कुलपति, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री सहित अन्य पदाधिकारियों को पत्र लिखकर छात्र-छात्राओं की इस समस्या पर शीघ्र ध्यान देते हुए स्नातकोत्तर सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग की है।

    उन्होंने बताया है कि बीआएबीयू में स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए 26 हजार से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है, लेकिन निर्धारित सीटों की संख्या केवल 11 हजार है। ऐसे में लगभग 15 हजार छात्र स्नातकोत्तर की उच्च शिक्षा के वंचित हो जाएंगे।

    वैशाली जिले में सबसे ज्यादा डिग्री कालेज

    उन्होंने बताया है कि वैशाली जिले में सबसे ज्यादा डिग्री कालेज है और लेकिन स्नातकोत्तर के लिए सिर्फ राज नारायण कालेज और वैशाली महिला कालेज में कुछ विषयों की की पढ़ाई होती है। बड़ी संख्या में छात्रों के उच्च शिक्षा से वंचित होने की स्थिति में जिला मुख्यालय स्तर पर पांच-पांच और प्रत्येक अनुमंडल में दो-दो महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पढ़ाई की व्यवस्था कराया जाना अति आवश्यक है।

    इसके लिए अंगीभूत कालेजों के साथ-साथ साधन संपन्न एवं नैक मूल्यांकित कालेजों का चयन किया जा सकता है। उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय में वर्तमान निर्धारित स्नातकोत्तर नामांकन सीटों की संख्या बढ़ाकर उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे छात्रों का नामांकन व्यवस्था कराने की मांग की है।

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