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    Lalu Yadav ने कहा था- इस स्टेडियम को श्राप है, Chirag Paswan ने एक रैली से बदल दिया पूरा 'पॉलिटिकल गेम'

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 04:56 PM (IST)

    हाजीपुर का अक्षयवट राय स्टेडियम कई बड़ी राजनीतिक सभाओं का गवाह बना है। इसी स्टेडियम से पहली बार सभा कर रामविलास पासवान राजनीति के शिखर तक पहुंचे। यहां लालू एवं नीतीश की भी कई सभाएं हुई। लालकृष्ण आडवाणी की भी महती सभा हुई। एक दौर वह भी आया जब पासवान की मौजूदगी में लालू प्रसाद ने कहा था कि स्टेडियम को श्राप है कि इसका एक कोना कभी नहीं भरता।

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    'हाजीपुर का नेता कैसा हो?' चिराग के आते ही लगने लगा नारा

    रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर। चार दशक तक हाजीपुर की राजनीति से सीधे तौर पर जुड़े रहे रामविलास पासवान की धरती पर मंगलवार को लोगों का भारी जुटान देखने को मिला। हर चेहरा उत्साहित था। रामविलास और चिराग पासवान के जयकारे लग रहे थे। कड़ाके की ठंड के बीच महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों समेत हर वर्ग और तबके की भीड़ पहुंची।

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    नए दौर में पहली बार शहर में जुटी इतनी भारी भीड़ के मायने-मतलब निकालते लोग। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की चर्चाओं एवं चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी हाजीपुर एवं रामविलास के असली वारिस होने की जंग के बीच भारी जुटान यहां स्पष्ट संदेश दे रही थी। स्टेडियम में भारी भीड़ के बीच गूंजती आवाज, धरती गूंजे आसमान रामविलास और अब चिराग पासवान।

    लंबे अरसे बाद श्राप से मुक्त हुआ अक्षयवट राय स्टेडियम

    हाजीपुर का अक्षयवट राय स्टेडियम कई बड़े राजनीतिक सभाओं का गवाह बना है। इसी स्टेडियम से पहली बार सभा कर रामविलास पासवान राजनीति के शिखर तक पहुंचे। यहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं नीतीश की भी कई सभाएं हुई। लालकृष्ण आडवाणी की भी महती सभा हुई। एक दौर वह भी आया जब पासवान की मौजूदगी में लालू प्रसाद ने कहा था कि स्टेडियम को श्राप है कि इसका एक कोना कभी नहीं भरता। मंगलवार को चिराग की संकल्प महासभा में भारी जुटान ने स्टेडियम को श्राप से मुक्त कर दिया।

    भारी भीड़ ने चिराग के नेतृत्व पर लगाई मुहर

    हाजीपुर के अक्षयवट राय स्टेडियम में मंगलवार को आयोजित संकल्प महासभा में भारी जुटान ने चिराग के नेतृत्व पर मुहर लगा दी। रामविलास पासवान के निधन के बाद यह पहली बड़ी सभा यहां आयोजित की गई थी।इस सभा की ओर राजनीति के दिग्गजों की निगाहे लगी हुई थी। दिन के करीब दो बजे चिराग के यहां पहुंचने के करीब दो घंटे पहले ही स्टेडियम भर चुका था। करीब तीन बजे चिराग के आने के साथ ही उत्साहित भीड़ ने नारा लगाना शुरू किया कि धरती गूंजे आसमान, रामविलास पासवान और अब चिराग पासवान।

    लगे नारे हाजीपुर का नेता कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो

    स्टेडियम में भारी भीड़ के बीच हाजीपुर के नेता के लोग भी जमकर नारे लगे। हाजीपुर का नेता कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो। भीड़ के अलावा मंच से सभी बड़े नेताओं ने हाजीपुर से चिराग पासवान से चुनाव लड़ने की बात कहते हुए हाजीपुर से चुनाव लड़ने की अपील की। हालांकि, चिराग इधर लगातार करते रहे हैं कि हाजीपुर से उनकी पार्टी लोजपा (रामविलास) का उम्मीदवार होगा। इसी बात को लेकर चाचा-भतीजे के बीच राजनीतिक जंग भी छिड़ी हुई है। वर्तमान में उनके चाचा पशुपति हाजीपुर से सांसद एवं केंद्र की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं।

    धरती को मां बता चिराग ने खुद को बताया असली बेटा

    रामविलास पासवान ने करीब चार दशक तक बतौर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री हाजीपुर का प्रतिनिधित्व किया। इस धरती को रामविलास पासवान हमेशा अपनी मां और खुद को अपना बेटा कहते थे। उसी राह पर चलते हुए उनके पुत्र चिराग ने खुद को शेर का बेटा बताते हुए हाजीपुर की धरती को अपनी मां बताते हुए अपनी मजबूत दावेदारी ठोक दी। कहा कि यह धरती उनके पिता की कर्मभूमि है और इस धरती की तरक्की एवं यहां के लोगों की सेवा वह अपने पिता की तरह करेंगे। पिता के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे। यह उनका अधिकार है और इस अधिकार को उनसे कोई छीन नहीं सकता।

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