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    Bihar Bhumi Survey: 5000 रुपये की रिश्वत लेते जमीन सर्वे कानूनगो अरेस्ट, सुपौल जिले में हुई कार्रवाई

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 06:09 PM (IST)

    बिहार के त्रिवेणीगंज में निगरानी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जमीन सर्वे कानूनगो विकास कुमार को 5 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। निगरानी की टीम ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर जाल बिछाया और कानूनगो को गुड़िया पंचायत सरकार भवन में घूस लेते हुए दबोच लिया। इस मामले में निगरानी कांड संख्या 12/2025 दर्ज कर गिरफ्तार कानूनगो को पटना ले जाया जाएगा।

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    निगरानी पुलिस के गिरफ्त में कानूनगो विकास कुमार। जागरण

    संवाद सहयोगी, त्रिवेणीगंज (सुपौल)। बिहार में निगरानी विभाग लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में त्रिवेणीगंज के जमीन सर्वे कानूनगो विकास कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पांच हजार रुपये घूस लेते बुधवार को रंगे हाथ धर दबोचा। निगरानी के डीएसपी सुजीत कुमार सागर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने यह कार्रवाई की।

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    निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीएसपी सुजीत कुमार सागर ने बताया कि कानूनगो विकास कुमार प्रखंड क्षेत्र के महेशुआ निवासी अनुपम कुमार से सर्वे में जमीन के रकबा से संबंधित कार्य के नाम पर घूस की मांग कर रहा था। इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की थी।

    डीएसपी ने कहा कि निगरानी की टीम सत्यापन और गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और बुधवार को त्रिवेणीगंज प्रखंड के गुड़िया पंचायत सरकार भवन में कानूनगो शिकायतकर्ता से पांच हजार रुपये घूस ले रहा था तभी निगरानी की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

    उन्होंने बताया कि इस मामले में निगरानी कांड संख्या 12/2025 दर्ज कर गिरफ्तार कानूनगो को पटना ले जाया जाएगा।

    परिवादी ने क्या बताया?

    मामले को लेकर परिवादी ने बताया कि सर्वे का काम चल रहा है। दो-तीन साल पूर्व जब प्लॉट पर वेरिफिकेशन के लिए अमीन गए हुए थे तो वहीं से दिक्कत हो रही है। हाल के दिनों में सर्वेयर ने घूस नहीं देने के कारण मेरे पिता द्वारा खरीदी गई जमीन का रकबा कम करके भेज दिया।

    उसी को ठीक करने के लिए कानूनगो विकास कुमार के पास गए थे, तो इन्होंने दस हजार रुपये घूस मांगी थी, जबकि यह जब वेरिफिकेशन के लिए वहां गए थे तो सभी बात धरातल पर सत्य पाई गई थी। इसके बावजूद भी इनके द्वारा घूस मांगी गई थी।

    काफी कहने के बाद पांच हजार रुपये पर काम करने के लिए कानूनगो तैयार हुए तो इसकी शिकायत हमने निगरानी से की थी। हालांकि, त्रिवेणीगंज में निगरानी की कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। इससे पूर्व भी पांच घूसखोर अधिकारी निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं।

    फिर भ्रष्ट अधिकारी के आचरण से दागदार हुआ त्रिवेणीगंज प्रशासन का दामन

    निगरानी विभाग की पहली कार्रवाई वर्ष 2010 में हुई थी, जब त्रिवेणीगंज बीआरसी कार्यालय में छापेमारी कर दो आपरेटरों को घूस लेते पकड़ा गया था। इसके बाद से लगातार यह आठवीं बार किसी भ्रष्ट सरकारी कर्मी की गिरफ्तारी हुई है।

    कब-कब हुई गिरफ्तारी?

    • वर्ष 2010: त्रिवेणीगंज बीआरसी कार्यालय में दो ऑपरेटर घूस लेते गिरफ्तार।
    • वर्ष 2015: तत्कालीन त्रिवेणीगंज बीईओ लालकुंद कुमार 10,000 रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़े गए।
    • वर्ष 2016: बीईओ लालकुंद कुमार के बयान पर मध्य विद्यालय करमेनिया के एक सहायक शिक्षक को घूस लेते गिरफ्तार किया गया।
    • वर्ष 2017: तत्कालीन त्रिवेणीगंज बीडीओ शैलेश केसरी 25,000 रुपए घूस लेते गिरफ्तार।
    • वर्ष 2017: त्रिवेणीगंज थाना में तैनात एएसआई विमल होरो को सुपौल कचहरी से 10,000 रुपए घूस लेते पकड़ा गया।
    • वर्ष 2018: त्रिवेणीगंज थाना के एएसआई भगवान ठाकुर 20,000 रुपए घूस लेते रंगेहाथों पकड़े गए।
    • वर्ष 2019: तत्कालीन त्रिवेणीगंज सीओ ध्रुव कुमार को सरकारी आवास पर 15,000 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

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