Bihar News: बिहार सरकार ने बढ़ाया बड़ा कदम, डिजिटल पहचान के लिए कलाकारों को मिलेगा यूनिक नंबर
बिहार सरकार ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कलाकारों को एक अनूठी पहचान देने की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत कलाकारों को एक विशेष नंबर मिलेगा जो कि उनकी डिजिटल पहचान होगी। इसके लिए वेबसाइट भी शुरू हो गई है। कलाकार इस पर पंजीकरण भी कर सकते हैं ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
जागरण संवाददाता, सुपौल। बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने प्रदेश के कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन और समुचित विकास को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
मंत्री मोतीलाल प्रसाद, विभागीय सचिव प्रणव कुमार, निदेशक सांस्कृतिक कार्य रूबी तथा निदेशक संग्रहालय रचना पाटिल की अगुवाई में पटना स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर से एक अत्याधुनिक आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ किया गया।
सभी कलाकारों को एक प्लेटफार्म पर लाने की कवायद
इस अवसर पर राज्यभर के सभी जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी उपस्थित थे। यह वेबसाइट बिहार के सभी कलाकारों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
इससे वे विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों में प्रभावी रूप से भागीदारी कर सकेंगे। बुधवार को जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी तारकेश्वर पटेल ने कलाकार पंजीयन की विस्तृत प्रक्रिया साझा की।
इस तरह हो जाएगा रजिस्ट्रेशन
- उन्होंने बताया कि कलाकार अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से वेबसाइट पर जाकर पंजीयन आप्शन पर क्लिक करके नीचे दिए गए छह चरणों में अपनी जानकारी भरें।
- इसमें व्यक्तिगत विवरण, कलाकार की जानकारी, कला की विधा संबंधी विवरण, अनुभव से जुड़ी जानकारी, बैंक संबंधी जानकारी, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना है।
- इन सभी चरणों को पूरा करने के बाद कलाकार को एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर यानी पंजीयन संख्या प्रदान की जाएगी। जो विभाग द्वारा आयोजित किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने हेतु आवश्यक होगी।
बहुत काम आएगा यूनिक नंबर
कलाकार पंजीयन संख्या केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी तक सीमित नहीं है। बल्कि यह कलाकार कल्याण कोष, संस्थानों को अनुदान, महोत्सवों, मेलों तथा प्रसिद्ध कार्यक्रमों जैसे शुक्र गुलजार, शनि बहार आदि में भाग लेने एवं योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी अनिवार्य होगा।
तारकेश्वर पटेल ने जिले के सभी कलाकारों से अपील की है कि वे शीघ्रातिशीघ्र अपना पंजीयन अवश्य कराएं, ताकि कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ उन्हें समय पर मिल सके।
उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल कलाकारों की पहचान को एक डिजिटल पहचान देगी, बल्कि उनके सशक्तिकरण और कला के संरक्षण में भी मील का पत्थर साबित होगी।
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