Vegetables Price Hike: मौसम बदलते ही आसमान छूने लगे हरी सब्जियों के दाम, खीरा-टमाटर भी हुआ महंगा
मई महीने की शुरुआत में ही लोगों को झुलसाने वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर किसानों की सब्जियों की फसल पर भी देखने को मिल रहा है। बार-बार सिंचाई करने के बाद भी किसानों की सब्जी झुलसने लगी है। इसकी वजह से उपज कम हो रही है। बाजार में भी सब्जी की कीमतों में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है।
संसू, भगवानपुर हाट (सिवान)। मई महीने की शुरूआत से ही जून माह जैसी गर्मी पड़ने से किसानों की खेतों में लगी सब्जी की फसल पर विपरीत असर पड़ रहा है। सब्जी के पौधे गर्मी के कारण मुरझाना शुरू हो गए हैं। किसान सब्जी के पौधों के सूखने से बचाने के लिए लगातार सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन तेज पछुवा हवा सब्जी और गरमा फसल को झुलसाकर बर्बाद कर रही है।
गर्मी के प्रकोप से परवल, लौकी, नेनुआ, भिंडी, करैला, हरा मिर्च, खीरा, भिंडी, पालक पर विपरीत असर पड़ता दिख रहा है। हरी सब्जी की उपज कम होने के कारण बाजार में हरी सब्जी के दाम भी काफी महंगे हो रहे हैं। सब्जियों पर चढ़ी महंगाई ने किचन के स्वाद को फीका कर दिया है।
अभी तो स्थिति ऐसी बनी हुई है कि जो लोग एक साथ सप्ताह भर अथवा दो चार दिन के लिए एक साथ सब्जी खरीदते थे वह महंगाई के कारण हर रोज सब्जी खरीदने को मजबूर हैं। सुबह और शाम में बाजार में सब्जियों की दर में उछाल होते रहता है
इन सब्जियों के बढ़े दाम
- परवल- 40 रुपये प्रति किलो
- कुंदरु- 40 रुपये प्रति किलोग्राम
- खीरा- 30 रुपया प्रति किलोग्राम
- नेनुआ- 40 रुपया प्रति किलोग्राम
- फुल गोभी- 60 रुपया प्रति किलोग्राम
- भिंडी- 40 रुपया प्रति किलोग्राम
- लौकी- 40 रुपया प्रति किलोग्राम
- गाजर- 40 रुपया प्रति किलोग्राम
- टमाटर- 30 रुपया प्रति किलोग्राम
- हरा मिर्च- 100 रुपया प्रति किलोग्राम
- मूली- 40 रुपया प्रति किलोग्राम
- धनियापत्ता- 100 रुपया प्रति किलोग्राम
- अदरक- 150 रुपया प्रति किलोग्राम
- प्याज- 25 रुपया प्रति किलोग्राम
- आलू- 22 रुपया प्रति किलो ग्राम
- बैगन- 40 रुपया प्रति किलो ग्राम
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
अधिक गर्मी के कारण मौसम शुष्क रहने की संभावना है। सब्जी के फसल बचाना किसानों के लिए चुनौती होगी। लगातार सिंचाई की जरूरत पड़ेगी। इसलिए आने वाले समय में सब्जी और महंगी होने की संभावना है।
डॉ. जितेंद्र प्रसाद, वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, भगवानपुर हाट, सिवान।
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