आम के लिए बेहद नुकसानदायक है ये कीट, बचाव के लिए कृषि विश्वविद्यालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी
कृषि विश्वविद्यालय ने आम के बगीचों में फल मक्खी के प्रकोप से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। डॉ. ए. सत्तार के अनुसार गर्म और आर्द्र वातावरण फल मक्खी के लिए अनुकूल है। फल मक्खी फलों को नुकसान पहुंचाती है जिससे उपज और गुणवत्ता घटती है। फ्रूट फ्लाई ट्रैप का उपयोग करके फल मक्खी को प्रबंधित किया जा सकता है। किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। आम के बगीचे में फल मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है। इससे बचाव के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई हैं। फल मक्खी के लिए गर्म और आर्द्र वातावरण अनुकूल माना जाता है।
वरीय मौसम विज्ञानी डॉ. ए सतार ने बताया कि आम के बागों में पिछले साल फल मक्खी बहुत देखने को मिली थी, जिससे आम उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हुआ। किसान को अभी से सर्तकता बरतने की सलाह दी गई है। इसके बचाव के लिए अब बेहतर फ्रूट फ्लाई ट्रैप से सबसे बढ़िया विकल्प है।
ऐसे पहुंचता है आम को नुकसान
डॉ. सतार ने कहा कि फल मक्खी आम के फलों को नुकसान पहुंचाने वाली एक कीट है, जो न केवल उपज को घटाती है, बल्कि फलों की गुणवत्ता और बाजार मूल्य को भी बुरी तरह प्रभावित करती है। मादा फल मक्खी फलों के भीतर अंडे देती है। कुछ दिनों में इन अंडों से निकली लार्वा फल के अंदर भोजन करने लगती हैं, जिससे फल सड़ने लगता है और जल्दी गिर जाता है।
बाग में फ्रूट फ्लाई ट्रैप के लिए दूरी का रखें ख्याल
- फल मक्खी के प्रबंधन के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रैप सबसे बढ़िया विकल्प।
- प्रति हेक्टेयर 15-20 फरोमैन ट्रैप लगाकर फ्रूट फ्लाई मक्खी को प्रबंधित करें।
- इन ट्रैपों को निचली शाखाओं पर 4 से 6 फीट की ऊंचाई पर बांधे।
- एक ट्रैप से दूसरे ट्रैप के बीच में 35 मीटर की दूरी रखें।
- ट्रैप को कभी भी सीधे सूर्य की किरणों में नहीं रखें।
- ट्रैप को आम की बहुत घनी शाखाओं के बीच में नहीं बांधे।
- ट्रैप बाग में स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए कि कहां बंधा है।
- ट्रैप बांधने की अवस्था फल पकने से 60 दिन से पहले होना चाहिए।
मक्खी गर्म और आर्द्र वातावरण में तेजी से पनपती हैं
विज्ञानी ने कहा कि 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान इसके जीवन चक्र के लिए सबसे अनुकूल होता है। हल्की या मध्यम बारिश के बाद जब मिट्टी में नमी बढ़ जाती है और मौसम उमस भरा हो जाता है, तो फल मक्खी की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जाती है।
बरसात के बाद फलों की त्वचा नरम होने से मादा मक्खी को अंडे देने में भी आसानी होती है। इसलिए बारिश और तापमान बढ़ने के समय किसानों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके लिए संक्रमित फलों को तुरंत इकट्ठा कर नष्ट करना चाहिए।
इस तरह से दिखते हैं लक्षण
फलों पर छोटे-छोटे काले धब्बे, समय से पहले फलों का गिरना, फलों के अंदर सड़न और दुर्गंध आना।
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