Siwan News: 'पाकिस्तान को भारत का धर्म बताने में ...', सीमा पर तनाव के बीच जोश में पूर्व सैनिक
संसू भगवानपुर हाट (सिवान)। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना के तीनों अंग के पूर्व सैनिक की भुजा भारत के लिए पाकिस्तान से लड़ने के लिए आतुर हैं। पूर्व सैनिक इस प्रतीक्षा में हैं कि सरकार उन्हें मौका दे वे पाकिस्तानियों को जवाब देने में सक्षम हैं। पूर्व सैनिकों को इस बात का मलाल है कि उन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृत लेकर भूल कर दी।
संसू, भगवानपुर हाट (सिवान)। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना के तीनों अंग के पूर्व सैनिक की भुजा भारत के लिए पाकिस्तान से लड़ने के लिए आतुर हैं। पूर्व सैनिक इस प्रतीक्षा में हैं कि सरकार उन्हें मौका दे, वे पाकिस्तानियों को जवाब देने में सक्षम हैं।
पूर्व सैनिकों को इस बात का मलाल है कि उन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृत लेकर भूल कर दी। पूर्व सैनिकों ने जागरण से बातचीत में बताया कि इस युद्ध का हिस्सा बनना चाहते हैं।
74 साल की उम्र में जंग लड़ने की इच्छा
1971 के भारत पाकिस्तान जंग के हिस्सा रहे भगवानपुर हाट प्रखंड के जगदीशपुर निवासी 74 वर्षीय आर्मी के सेवानिवृत इलेक्ट्रिक मेकैनिकल इंजीनियर हरिकिशोर प्रसाद ने बताया कि शारीरिक रूप से भले कमजोर हुआ हूं, लेकिन अभी भी मस्तिष्क रूप से पाकिस्तान के साथ जंग लड़ने को तैयार हूं।
भारत पाकिस्तान के बीच 1971 की जंग 14 दिन चली थी। उस जंग में भी भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य के बल पर पाकिस्तान को हराया था। उन्होंने बताया कि आज भी उनका बेटा सीआरपीएफ जवान के रूप में चंडीगढ़ में तैनात है।
पाकिस्तान को भारत का धर्म बताने में भारतीय सेना सक्षम
वहीं, भारतीय नौ सेना के पूर्व सैनिक एवं पीएनबी बैंक भगवानपुर हाट में सेवारत हिलसड़ निवासी राजेंद्र राम बताते हैं कि पाकिस्तान को भारत का धर्म बताने में भारतीय सेना सक्षम है।
वह बताते हैं कि अभी उनमें दुश्मन देश को मार गिराने की भरपूर क्षमता है। इंतजार कर रहे हैं कि भारत सरकार उन्हें इस पुनीत कार्य के हिस्सा बनाने के लिए बुलावा भेजे।
सरकार के बुलावे का इंतजार
जगदीशपुर निवासी भारतीय नौसेना से समय से पूर्व सेवानिवृति लेने वाले पीएनबी भगवानपुर में कार्यरत अमित कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पाकिस्तान को मिटा देने के लिए भारतीय नौसेना ही सक्षम है। उन्होंने कहा कि वह इंतजार कर रहे हैं, अगर सरकार का बुलावा आता है तो वह उत्साह के साथ पाकिस्तान से युद्ध करने के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।
लड़ाई का हिस्सा बनना चाहते हैं सेवानिवृत कामेश्वर सिंह
आर्मी से सेवानिवृत हुए सारीपट्टी निवासी कामेश्वर सिंह उर्फ फौजी बताते हैं कि वह 1992 में सेना से सेवानिवृत हो गए थे। पाकिस्तान से युद्ध में अभी भी लड़ाई का हिस्सा बनना चाहते हैं। वह बताते हैं कि वह तोप खाने में तैनात थे। उन्हें अभी भी लड़ाई का हिस्सा बनने का इच्छा है।
वहीं, महम्मदा निवासी आर्मी से सेवानिवृत जवान तारकेश्वर सिंह की भुजा पाकिस्तान से लड़ने के लिए फड़क रही है। वह बताते हैं कि उनके मन में मलाल है कि उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत ले ली। वे कहते हैं कि सरकार के एक बुलावे पर वह पाकिस्तान से लड़ने के लिए सीमा पर जाने को तैयार हैं।
जबकि रामपुर कोठी निवासी आर्मी से सेवानिवृत जवान गिरीशदेव राय ने कहा कि अगर भारत सरकार का बुलावा आता है तो वह पाकिस्तान से लड़ने को जरूर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लड़ने का मौका मिले इससे बड़ा सौभाग्य क्या होगा। उन्होंने कहा कि उनका पुत्र कंचन राय पुलवामा सीमा पर गदरेबल में भारतीय आर्मी के रूप में इस जंग का हिस्सा बन रहा है, जो गर्व की बात है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।