पापा़! राष्ट्र के ललाट पर 'सिंदूर' तिलक लग रहा है, तनाव के बीच पिता ने दिया बेटे को हौसला
चंडीगढ़ में हाई अलर्ट के बीच बिहारी छात्र तनाव में हैं। सायरन और ब्लैकआउट से छात्रों में डर का माहौल है। परीक्षा स्थगित होने और मुफ्त बस सेवा मिलने से छात्र घर लौट रहे हैं। छात्रावास खाली हो रहे हैं। वही कुछ छात्र अभी भी हास्टल में हैं। जमुई के प्रशासनिक अधिकारी ने भी चंडीदगढ़ में रहने वाले अपने बेटे को हौसला दिया।

शंकर दयाल मिश्रा, भागलपुर। शुक्रवार शाम आठ बजे के करीब सुशांत पांडेय ने अपने पिता को फोन किया- पापा... सायरन बज रहा है... ब्लैक आउट हो गया है... चारों ओर अंधेरा है... कमरे में गर्मी लग रही है... ऊपर आसमान में लड़ाकू जहाज उड़ रहे हैं... सुबह में मोहाली के पास दुश्मन का ड्रोन गिरने की बात भी सुनी थी... हम क्या करें?
पिता ने दिया बेटे को हौसला
सुशांत चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र है। वहीं हास्टल में रहता है। उसके पिता जमुई में प्रशासिनक पदाधिकारी हैं। पिता ने बेटे को हौसला दिया कि हमारी मजबूत सरकार है... हमारी सेना हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम है और तैयार भी।
हम दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारने वाले लोग हैं, हमारा सुरक्षा तंत्र बहुत मजबूत है। दुश्मनों का ड्रोन और मिसाइल हवा में मारकर गिरा दे रहे... भयभीत नहीं होना... कुछ नहीं होगा!
घर लौट रहे छात्र
इस पर सुशांत ने कहा- हम डरे नहीं हैं। राष्ट्र के ललाट पर 'सिंदूर' का तिलक जो लग रहा है। हम इसमें योगदान दे सकते हैं। सायरन बजने पर हमारी भुजाएं भी फड़कती हैं पर अंधेरा होने पर अनहोनी की आशंका घर करने लगती है।
कई साथियों के घरवालों ने उसे वापस बुला लिया है... सब हास्टल छोड़कर अपने घर जा रहे हैं। इसपर पिता कुछ कहते, उनकी पत्नी माधुरी पांडेय ने मोबाइल लगभग छीन लिया और अपने पुत्र से कहा- तुम भी वापस आ जाओ।
मां की बढ़ी घबराहट
पिता-पुत्र का संवाद और मां की घबराहट भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुए हवाई हमलों के बीच बार्डर इलाके में रह रहे लोगों की अब की मन:स्थिति बता रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के बढ़ने-घटने की चर्चा के दौरान सुशांत के पिता ने उक्त शब्द चित्र ने खींचा था।
परीक्षाएं स्थगित
उन्होंने बताया कि परीक्षा शुरू थी। साल बर्बाद होने की चिंता थी। कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर विश्वविद्यालय का संदेश आया कि अभी एंड सेमेस्टर की परीक्षाएं स्थगित की जा रही है।
इसके बाद उन्होंने भी पुत्र को तत्काल लौट जाने कहा है। इधर, सुशांत ने मोबाइल पर बताया कि वह अपने तीन दोस्तों हर्ष, वत्सल और माधव के साथ हास्टल में था।
सभी मोबाइल पर युद्ध से जुड़ी खबरें देख रहे थे, तभी अचानक बिजली चली गई और पूरे परिसर में ब्लैकआउट हो गया। सायरन की आवाज ने डर और बढ़ा दिया। सभी बच्चे अपने-अपने स्वजन को काल लगाने लगे।
माधव के पिता वायुसेना में हैं। वह सबसे ज़्यादा चिंतित था, क्योंकि उसके पिता का फोन नहीं लग पा रहा था। उसे लगा कि उसके पिता युद्ध क्षेत्र में तैनात हो सकते हैं।
सुशांत ने बताया कि रात होते-होते स्थिति थोड़ी सामान्य हुई। छात्रों को पता चला कि पाकिस्तान की स्थिति बिगड़ने के कारण भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने यह सावधानी बरती थी। कुछ ही समय बाद बिजली भी बहाल हो गई और अधिकतर जगहों पर रोशनी लौट आई। इससे थोड़ी राहत मिली। हालांकि, डर का असर अभी भी बना हुआ है।
अंबाला में बड़ी संख्या में सैनिकों के मूवमेंट की चर्चा सुनी जा रही है। सेना की उपस्थिति से हौसला और बुलंद हो रहा है पर यह आशंका भी जन्म लेती है कि यहां कुछ बड़ी घटना न हो जाए। वैसे, विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाएं स्थगित कर दी है। इससे छात्रों को घर लौटने का निर्णय लेना आसान हो गया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मुफ्त बस सेवा शुरू की है। यह छात्रों को खरड़ रेलवे स्टेशन और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक पहुंचा रही है। कुछ छात्र सेक्टर 17 से भी बस लेकर रवाना हुए। बहुत से छात्रों ने ट्रेन पकड़कर अपने-अपने घर जा रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।