Bihar Poliitics: राहुल गांधी की यात्रा से फुल चार्ज हो गई कांग्रेस, सीतामढ़ी में टिकट के लिए दावेदारी तेज
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद सीतामढ़ी जिले में कांग्रेस उत्साहित है। पार्टी जिले की राजनीति में सक्रिय हो गई है और विभिन्न सीटों पर टिकट के लिए दावेदारी तेज हो गई है। नेता जिला कार्यालय से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। कांग्रेस मुस्लिम बहुल सीट का हवाला देकर परिहार सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है।

अवध बिहारी उपाध्याय, सीतामढ़ी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद जिले के नेताओं व कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। आलम यह है कि कांग्रेस अब जिले की राजनीति को अपने राजनीतिक लाभ-हानि के अनुसार सेट करने की कवायद में है। कभी जिले में सुप्तावस्था में पड़ी रहने वाली कांग्रेस इस यात्रा के बाद फूल चार्ज हो गई है।
विभिन्न सीटों पर दावेदारी के साथ टिकट की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस का टिकट पाने के लिए अभ्यर्थी जिला कार्यालय से लेकर पटना और दिल्ली तक की दौड़ लगाने लगे हैं।
दरअसल, जब राहुल गांधी यहां पहुंचे तो जिन तीन विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरे वहां के संभावित उम्मीदवारों ने एक तरह से अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया। जो भीड़ जुटी थी उसमें अधिकांश टिकटार्थियों की ओर से लाए गए लोग ही थे। इसमें आसपास के विधानसभा क्षेत्र के लोग भी थे, जिसमें अधिकांश की चाह राहुल गांधी के समक्ष अपना चेहरा दिखाने और उनतक पहुंचने की रही।
यहां बता दें कि राहुल गांधी व तेजस्वी यादव की यात्रा जिले के आठ में तीन विधानसभा क्षेत्र रुन्नीसैदपुर, सीतामढ़ी व रीगा विधानसभा क्षेत्र होकर ही गुजरी थी, लेकिन उसकी छाप बथनाहा (सुरक्षित), परिहार, बेलसंड, सुरसंड व बाजपट्टी विधानसभा क्षेत्र पर भी पड़ी।
रीगा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना पहले से दावेदार हैं। वे यहां से 2015 में विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2010 में भाजपा के मोतीलाल प्रसाद को हराया था। 2020 के चुनाव में वे फिर मोतीलाल प्रसाद से लगभग 35 हजार वोट से चुनाव हार गए। इस बार फिर उन्होंने इस सीट पर मजबूत दावा ठोक दिया है।
पूरे जिले में इस यात्रा का नेतृत्व भी इनके हाथों में था, इसलिए इस बार इनका टिकट मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि, पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह और पूर्व राज्यपाल राम दुलारी सिन्हा के पौत्र मृगेंद्र सिंह भी इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं।
बथनाहा (सुरक्षित) क्षेत्र से संजय राम इस बार भी जोर आजमाइश करने पर अमादा है। वे पिछले 2020 के चुनाव में भी यहां से प्रत्याशी थे। वे 2010 में भी यहां चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन कभी सफलता नहीं मिली। वैसे इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक गौरी शंकर नागदंश के पुत्र आकाश नागदंश पासवान, जिला पार्षद ई. नवीन कुमार, पार्टी की नेत्री अर्चना पासवान व जैनेन्द्र कुमार भी टिकट चाह रहे हैं।
राहुल गांधी की यात्रा के बाद कांग्रेस ने परिहार और सीतामढ़ी विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है। कांग्रेस के नेताओं ने इन दोनों सीटों पर टिकट पाने के लिए दौड़ लगाना शुरू कर दी है। परिहार सीट वैसे अबतक राजद के हिस्से में ही रहा है। इस सीट पर पूर्व मुखिया ऋतु जायसवाल 2020 में प्रत्याशी रही। 2010-2015 में यहां से रामचंद्र पूर्वे चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार ऋतु जायसवाल के साथ राजद के रामचंद्र पूर्वे अपनी जगह अपने पुत्र सह पूर्व प्रखंड प्रमुख संजय पूर्वे या पुत्रवधू डॉ. स्मिता पूर्वे के लिए टिकट चाह रहे हैं। वैसे यहां से राजद में कैलाश साह भी टिकट मांग रहे हैं।
वहीं, मुस्लिम बहुल सीट का हवाला देकर कांग्रेस यह सीट राजद से हासिल करना चाहती है। यहां से कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि सह पूर्व यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो. शम्स शाहनवाज व मो. अफाक खान ने अपनी दावेदारी ठोक दी है।
दूसरी तरफ कुछ राजद नेताओं का भी यह मानना है कि कांग्रेस लगातार बथनाहा सुरक्षित क्षेत्र से चुनाव हार रही है, इसलिए इस क्षेत्र से राजद का प्रत्याशी होना चाहिए और इसकी जगह पर परिहार से कांग्रेस को उम्मीदवार बनाना चाहिए। हालांकि, यह हाईकमान ही तय कर सकेगा और स्थानीय कुछ कार्यकर्ता यह बात हाईकमान तक पहुंचा चुके हैं।
वहीं, सीतामढ़ी सदर सीट पर राजद के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ते रहे हैं। यहां से सुनील कुशवाहा 2015 में विधायक रहे चुके हैं। 2020 में वे भाजपा के मिथिलेश कुमार से चुनाव हार गए। 2010 के चुनाव में यहां से लोजपा राघवेन्द्र कुशवाहा चुनाव लड़े थे, जो फिलहाल राजद में है, इसलिए इन दोनों की स्वभाविक दावेदारी इस सीट से है।
इसके अतिरिक्त राजद की वैश्य नेत्री सीमा गुप्ता और राजद के कार्यकारी जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र खिरहर उर्फ कब्बू खिरहर भी इस सीट पर दावा ठोक रहे हैं। वहीं इस यात्रा के बाद कांग्रेस से जिलाध्यक्ष रकटू प्रसाद, ऋतु कुमारी, वीरेंद्र कुशवाहा ने अपने नेतृत्व से सीतामढ़ी सीट कांग्रेस की झोली में लेने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी दावेदारी प्रमुखता से रहे।
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