Bihar Politics: बिस्फी के मैदान में घोषणा से पहले खिंच गई सियासी तलवार, भाजपा और राजद आमने-सामने
मधुबनी के बिस्फी में भाजपा और राजद नेताओं के बीच सियासी घमासान जारी है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और राजद नेता आसिफ अहमद के बीच विवाद गहरा गया है जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है। दोनों तरफ से थाने में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और क्षेत्र में ध्रुवीकरण की आशंका बढ़ गई है।

ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। बिहार में भाजपा के फायरब्रांड विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार चुनाव की घोषणा से पहले बिस्फी के राजनीतिक मैदान में भाजपा और राजद के बीच सियासी तलवार खिंच गई है। एक चुनावी चर्चा के कार्यक्रम में उठे विवाद के बाद भाजपा और राजद के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
दुर्व्यवहार और जान से मारने का प्रयास का आरोप लगा बचौल ने थाने में आवेदन दिया था। इसके बाद राजद के रहिका प्रखंड अध्यक्ष ने भी थाने में आवेदन दे माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। दोनों ओर से केस-मुकदमा और मिट्टी में मिलाने तक बात पहुंच गई है।
राजद की ओर से सियासत का केंद्र राज्यसभा सदस्य डॉ. फैयाज अहमद के बेटे आसिफ अहमद हैं तो दूसरी तरफ भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल हैं। माना जा रहा कि डॉ. फैयाज अहमद जिस क्षेत्र की विधायकी कभी कर चुके हैं, उसी विरासत को बेटे को सौंपना चाहते हैं। मतलब, आसिफ अहमद बिस्फी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं, हरिभूषण ठाकुर बचौल तीन बार यहां से विधायक बने। बिस्फी मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। यह विवाद विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम होगा। यह जितना गहराएगा, उतना ध्रुवीकरण होगा। फैयाज अहम से पहले मुस्मिम उम्मीदवार के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद भी विधायक रह चुके हैं।
बिस्फी का 25 सालों का चुनावी इतिहास देखा जाए तो स्पष्ट होगा कि यहां हिंदू मुस्लिम का स्पष्ट धारा में बंटना कितना जरूरी होता है।
हरिभूषण ठाकुर बचौल 2005 के फरवरी और अक्टूबर में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे। 2010 में डॉ. फैयाज अहमद ने राजद उम्मीदवार के तौर जदयू से लड़े हरिभूषण ठाकुर बचौल को करीब 8 प्रतिशत मतो से हरा दिया। 2015 में महागठबंधन में जदयू, राजद, कांग्रेस सब एक हो गये।भाजपा का गठबंधन उपेंद्र कुशवाहा के रालोसपा के साथ था। सीट रालोसपा के मनोज यादव के पाले में चली गयी।
हरिभूषण ठाकुर बचौल फिर स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर गये। मगर राजद उम्मीदवार डॉ. फैयाज अहमद ने दोबारा जीत हासिल की। 2020 में फिर दोनों फिर आमने सामने हुए।इस बार हरि भूषण ठाकुर बचौल भाजपा के टिकट पर थे।
कड़े मुकाबले में हरिभूषण ठाकुर बचौल ने डॉ. फैयाज अहमद को करीब 10 हजार वोट से हरा दिया। अभी डॉ. फैयाज अहमद राज्यसभा के सदस्य हैं और उनके छोटे बेटे आसिफ अहमद आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर क्षेत्र में तैयार कर रहे हैं। यह जगजाहिर है।
पिछले दिनों एक निजी कार्यक्रम में हुए विवाद के बाद हरिभूषण ठाकुर बचौल ने आसिफ अहमद और राजद के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व सांसद डॉ. फैयाज अहमद के प्रतिनिधि विष्णुदेव सिंह यादव को नामजद करते हुए 25-30 अज्ञात पर जान से मारने के प्रयास व अन्य आरोपों में केस कर दिया।
पलटवार करते हुए राजद के पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुमार ने विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल समेत उनके समर्थकों पर केस कर दिया। उसके बाद से लगातार विधायक सीधा हमला डॉ. फैयाज अहमद पर कर रहे हैं। मिट्टी में मिलाने और मंदिर की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं।
वहीं, सांसद डॉ. फैयाज अहमद का कहना है कि मिट्टी में मिलाने वाले खुद मिट्टी में मिल जायेंगे। वे कहते हैं कि जिस कार्यक्रम से विवाद शुरू हुआ उसमें आसिफ अहमद थे ही नहीं फिर जानबूझकर नाम घसीटा जा रहा है, ताकि राजनीति की जा सके।
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