दरभंगा-नरकटियागंज और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन होगी डबल, 130 करोड़ रुपये मंजूर
सीतामढ़ी के पास नरकटियागंज-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड के दोहरीकरण के लिए 130 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। 255.5 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को 2020 में मंजूरी मिली थी। रेलवे बोर्ड ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है जिससे क्षेत्र में रेल सेवाओं में सुधार होगा और यात्रियों को समय की बचत होगी। सीतामढ़ी के सांसद ने रेल मंत्री से मिलकर इस परियोजना पर ध्यान देने का आग्रह किया था।
सागर कुमार, सीतामढ़ी। नरकटियागंज-दरभंगा वाया सीतामढ़ी तथा सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर वाया रूनी सैदपुर 255.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए 130 करोड़ की राशि की स्वीकृति हुई है। वर्ष 2020 में रेलवे बोर्ड से नरकटियागंज-दरभंगा वाया सीतामढ़ी तथा सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर 255.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की दोहरीकरण की मंजूरी मिली थी।
मंजूरी के तकरीबन चार साल, दो माह 14 दिन के बाद यानी चार माह पूर्व विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कर मंजूरी को लेकर रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। संबंधित विभाग से अभी तक उक्त डीपीआर स्वीकृत नहीं होने के कारण दोहरीकरण का काम ठंडे बस्ते में पड़ा था।
पूर्व मध्य रेलवे (निर्माण संगठन) मुख्यालय महेंद्रुघाट द्वारा 11 अप्रैल 025 के जारी सं.ईसीआर/सीएओ/सीओएन/डब्ल्यू/बजट2025 -26 की लिस्ट में राशि जारी की गई है।
2029 तक काम पूरा करने का टारगेट
रेल सूत्रों की मानें तो नरकटियागंज, रक्सौल, सीतामढ़ी, दरभंगा व सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर 255.5 किलोमीटर रेल दोहरीकरण का काम गतवर्ष के नवंबर या दिसंबर माह से युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा, जो आगामी 2029 में पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र में भारतीय रेलखंड के दोहरीकरण कराने की रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिली थी। जिसको लेकर भारत सरकार ने 2019-20 के बजट सत्र में निर्माण कार्य को लेकर जिक्र किया था। जिसकी मंजूरी देते हुए रेलवे बोर्ड दिल्ली द्वारा 16 जनवरी 2020 को देश के विभिन्न रेल खंडों का दोहरीकरण को लेकर फाइनल सर्वे के लिए एक पत्र जारी किया गया था। जिसकी मंजूरी दी गई थी।
इसके तहत नरकटियागंज से दरभंगा वाया सीतामढ़ी तथा सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर 255.5 किलोमीटर रेलखंड निर्माण की फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी को लेकर कागजी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। जिसकी टेंडर 4 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि पर विभाग ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी। जिसके तहत सर्वे का काम पूरा किया गया।
युद्ध स्तर पर होगा रेलवे लाइन डबल करने का काम
रेल सूत्र के अनुसार, टेंडर के बाद अभियंताओं की टीम ने यह तय किया कि पहली रेल लाइन से कितनी दूरी पर दूसरी लाइन को तैयार करना है। दोहरीकरण का काम युद्ध स्तर पर पूरा भी किया जाएगा। दोहरीकरण पूरा होने के साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी से लोगों को छुटकारा मिलेगा। ससमय यात्री अपने गंतव्य को पहुंच सकेंगे। समय की काफी बचत होगी, कम समय में यात्री लंबी दूरी तक सफर कर सकेंगे।
रेल सूत्रों के अनुसार, इस रेल खंड के दोहरीकरण में तकरीबन 301 पुल और पुलिया का निर्माण होगा तथा 176 समपार फाटक होंगे। इनमें बड़े पुलों की संख्या सौ होगी। वहीं, 201 पुलिया होंगी। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि सर्वे होने में तकरीबन दो माह का समय लग सकता है। उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीतामढ़ी संसद देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि नरकटियागंज-रक्सौल वाया सीतामढ़ी व सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे दोहरीकरण का मामला ठंडे बस्ते में था। इस क्षेत्र की आवश्यकता को देखते रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर इस रेलखंड के दोहरीकरण के लिए ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया।
उन्होंने बताया कि तकरीबन चार माह पूर्व उक्त रेलखंड की डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। थोड़ी समय में ही टेंडर की स्वीकृति मिलने के बाद रेलखंड पर दोहरीकारण का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा।
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