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    शेखपुरा-पटना रूट पर टिकट काउंटर की समस्या, बेटिकट यात्रा करने को मजबूर यात्री

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 04:43 AM (IST)

    शेखपुरा-बरबीघा-दनियावां रूट पर नई डीएमयू ट्रेन शुरू होने के बावजूद टिकट काउंटर की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। बरबीघा स्टेशन पर काउंटर तो है पर कर्मचारी नहीं हैं जिससे यात्री बिना टिकट यात्रा करने को मजबूर हैं। रेलवे यात्री संघ ने इसे लापरवाही बताते हुए राजस्व नुकसान की बात कही है। 2002 में शुरू हुई यह परियोजना 23 साल बाद पूरी हुई।

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    शेखपुरा-पटना रेलखंड पर टिकट काटने की व्यवस्था नहीं। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा। शेखपुरा–बरबीघा–दनियावां होकर पटना तक चलने वाली नई यात्री ट्रेन (डीएमयू) एक अक्टूबर से शुरू की गई है, लेकिन अब तक किसी भी नए स्टेशन पर टिकट काटने की व्यवस्था नहीं है।

    इस स्थिति के कारण यात्री मजबूरी में बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं, जिससे रेलवे को लगातार राजस्व की भारी हानि हो रही है। बरबीघा, शेखपुरा और आसपास के क्षेत्रों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री पटना के लिए यात्रा कर रहे हैं।

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    बरबीघा रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर, कंप्यूटर और प्रिंटर की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन टिकट काटने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है।

    रेलवे यात्री संघ के रंजीत कुमार और शंभू यादव ने इसे रेलवे विभाग की बड़ी लापरवाही बताया है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

    सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश कुमार ‘काजू’ ने कहा कि बरबीघा से पटना तक का किराया मात्र 25 रुपये है। लोग देने को तैयार हैं, लेकिन टिकट न मिलने के कारण वे असमंजस में यात्रा कर रहे हैं।

    यह नई रेललाइन शेखपुरा–बरबीघा–दनियावां होकर पटना तक जाती है। इस परियोजना का शिलान्यास 2002 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने किया था। लगभग 23 साल बाद यह रेलमार्ग तैयार हुआ और एक अक्टूबर से नवादा से सुबह 5:15 बजे खुलकर बरबीघा होते हुए 9:30 बजे पटना पहुंचने वाली डीएमयू ट्रेन शुरू की गई।

    हालांकि, शुभारंभ के बाद से यह ट्रेन अक्सर विलंब से चल रही है, फिर भी यात्रियों की भीड़ बनी हुई है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, माटोखर, सर्वा-जमालपुर बरबीघा और अस्थावां जैसे नए स्टेशनों पर भी टिकट काटने की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है।

    जब तक यहां टिकट काउंटरों पर कर्मचारी की नियुक्ति नहीं होती, तब तक रेलवे को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होता रहेगा।

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