Patna News: गंगा पथ को 13.51 करोड़ से किया जाएगा विकसित, 2028 तक 17% हरित आवरण का लक्ष्य
पर्यावरण मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इको पर्यटन को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। जेपी गंगा पथ के किनारे पौधरोपण के लिए 4.15 करोड़ स्वीकृत हैं गंगा पथ को पर्यटन स्थल बनाने के लिए 13.51 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। काष्ठ उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 270 आरा मिलों को लाइसेंस मिलेगा। प्रदेश में हरित आवरण को 17% करने का लक्ष्य है।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ इको पर्यटन को बढ़ावा देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। शहर के जेपी गंगा पथ के सड़क के किनारे दीघा गोलंबर से गोलघर तक पौधरोपण के लिए 4.15 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
गंगा पथ के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर 13.51 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। ये बातें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने पटना जू में आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं।
मंत्री ने 30.39 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। मंत्री ने कहा कि काष्ठ आधारित उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर 270 आरा मिलों को वरीयता सूची में रखा गया है।
चुनाव बाद आरा मिलों को सरकार की ओर से लाइसेंस दिया जाएगा। इससे काष्ठ कला से जुड़े कारीगरों को रोजगार मिलेगा। राजधानी के लोगों के लिए शहर के चार जगहों पर नए पार्क उपहार स्वरूप मिले हैं।
इसमें बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी के सेक्टर चार में, सेक्टर 51 डी में, श्रीकृष्णा नगर पार्क संख्या सात एवं तीन का उद्घाटन किया गया। मंत्री ने कहा कि कैबिनेट से 2739 पदों की स्वीकृति दी गई है जिसकी नियुक्ति जल्द की जाएगी।
17 प्रतिशत हरित आवरण का लक्ष्य
विभाग की ओर से सेवा पर्व के दौरान प्रदेश में 2.80 पौधा रोपने का लक्ष्य है, जिसमें 3.66 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। 2028 तक प्रदेश का हरित आवरण 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। 2025-26 में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है।
जीविका दीदी द्वारा प्रदेश में अब तक 70.34 लाख पौधे लगाए गए हैं। हर खेत तक सिंचाई पानी योजना के तहत विभाग की ओर से 94 स्थलों पर योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
अभी तक 73 स्थलों पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है शेष 21 स्थलों पर कार्य प्रगति पर है। कैंपा योजना अंतर्गत भारत सरकार से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 65.18 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 6192693 पौधे वनों में रोपने का लक्ष्य है।
इको टूरिज्म स्थानों का होगा विकास
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के इको टूरिज्म स्थानों को विकसित करने को लेकर राशि निर्गत की गई है। इसी क्रम में लगभग 12 करोड़ की राशि से रोहतास के तुतला भवानी, 15 करोड़ की राशि से गुप्ता धाम का उन्नयन, 12 करोड़ की राशि से बांका जिला के मंदार पर्वत, गोपालगंज जिले के थावे मंदिर के आसपास पार्क बनाने को लेकर 18.51 करोड़, कैमूर जिले के मां मुंडेश्वरी मंदिर परिसर के विकास को लेकर 6.29 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
साथ ही भागलपुर जिले के विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी के लिए 8.03 करोड़, मधुबनी जिले के कुम्मर तालाब में जैव विविधता पार्क को लेकर 10.28 करोड़, बक्सर जिले के महर्षि विश्वामित्र पार्क के विकास को लेकर 24.42 करोड़, नालंदा जिला के हिरण्य पर्वत पार्क विकास को लेकर 2.69 करोड़, लखीसराय जिले में श्रृंगी ऋषि आश्रम विकास को लेकर 3.41 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके अलावा, अन्य जगहों पर इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। वार्ता के दौरान विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास अरविंदर सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुरेंद्र सिंह, एस चंद्रशेखर समेत अन्य मौजूद रहे।
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