आइएएस अभिषेक निकला फर्जी, दहेज में मिले मोटी रकम, इसलिए फैलाई अफवाह
बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा के अभिषेक कुमार ने दो-दो बार यूपीएससी परीक्षा में सफल होने का अफवाह फैलाया ताकि दहेज में मोटी रकम ऐंठ सके।
शेखपुरा [जेएनएन]। दो -दो बार यूपीएससी परीक्षा में झूठी सफलता का परचम लहराने वाले अभिषेक कुमार आखिरकार फर्जी आईएएस ही निकला। शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड के तेतारपुर गांव के ही एक युवक अजीत कुमार मंटु ने इस सनसनीखेज झूठ मामले का खुलासा किया है।
जब अभिषेक के परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो उनके माता-पिता के पैरों के नीचे की जमीन ही खिसक गई। अपने बेटे के इस हरकत से आहत इनके पिता विजय कुमार सिंह के साथ मॉ को भी गहरा सदमा लगा है।
आईएएस बनने की खबर पर जिस बेटे पर पिता ने गर्व करते हुए खुशी में लोगों के बीच मिठाईयॉ बांटी, आज अपने बेटे की इस हरकत का पता चलते ही उनके मुंह से आवाज तक नहीं निकल पा रहे हैं। सिर्फ वे इतना ही बता सके कि जिस तरह से अभिषेक ने झूठे परीक्षा फल के सहारे हम लोगों को अंधेरे में रखा, हमने ऐसा सपनों में भी नहीं सोचा था।
मालूम हो कि बरबीघा प्रखंड के खोजागाछी गांव का बिल्कुल सीधा और भोला-भाला दिखने वाला अभिषेक नामक यह युवक विजय कुमार सिंह का पुत्र है जिसने वर्ष 2015 के यूपीएससी परीक्षा में अपने को सफल बता परिजनों के साथ दोस्तों को भी धोखे में रखा।
सूत्रों की मानें तो इस परीक्षा में मध्य प्रदेश के रहने वाले किसी दूसरे अभिषेक कुमार नामक युवक का रिजल्ट हुआ था और इसमें 1028 वां रैंक था, लेकिन खोजागाछी गांव के इस अभिषेक ने इसे अपना रिजल्ट बताते हुए अपने माता-पिता और परिजनों के साथ मित्र मंडली को पूरी तरह गुमराह कर खुद को आईएएस अधिकारी साबित कर दिया।
इस साल भी इसी तरह का अफवाह उड़ाते हुए यूपीएससी परीक्षा में 773 वां रैंक लाने वाले ओबीसी के अभिषेक कुमार के परीक्षा परिणाम को अपना परिणाम बताते हुए फिर एक बार मीडिया की सुर्खियों में आ गया। अभिषेक के घर वालों को भी यह पता नहीं कि अभिषेक अफवाह के सहारे इस तरह का झूठा नाटक खेल रहा है। इनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगने लगा।
पिता ने अपने पुत्र की इस सफलता पर फूलें नहीं समा रहे थे। हर आने-जाने वालों को मिठाई खिला रहे थे। गांव में भी मिठाई बांटे। लेकिन जब इनके पिता को यह पता चला कि अभिषेक दूसरे के रिजल्ट को अपना बता ट्रेनिंग के नाम पर कभी बंगलोर तो कभी दिल्ली तो कभी नागपुर में रहने की बात कह रहा है। साथ ही कई बड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारी के फोटो को फोटोशॉप तकनीक द्वारा खुद के साथ जोड़कर परिजनों के साथ अपने मित्रमंडली के लोगों को भी मूर्ख बनाता रहा।
इसी तरह से ही फोटो शॉप के द्वारा अधिकारियों के गाड़ी के आगे अपने फोटो का कटिंग कर वास्तव में आईएएस अधिकारी साबित करता रहा, लेकिन जब बरबीघा प्रखंड के ही तेतारपुर गांव के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले अजीत कुमार उर्फ मंटु ने इस झूठ का खुलासा किया। बताते चलें कि वर्ष 2015 में जिस अभिषेक ने 1028 वां स्थान हासिल किया था, दरअसल वह दूसरे राज्य का था और इस वर्ष जिस अभिषेक ने 773 वां स्थान प्राप्त किया था ।
इस संबंध में अभिषेक ने बताया कि मामूली चूक के कारण हमें एक गलती पर पर्दा डालने के लिए कई बार गलती करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में अभिषेक के नाम से जब रिजल्ट हुआ और 1028 वां स्थान प्राप्त हुआ। जल्दबाजी में आगे कुछ पता लगाये बगैर हमने अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी।
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अभिषेक ने बताया कि माता-पिता को कोई सदमा न पहुंचे इसलिए उसने इस झूठ को हमने सच साबित करने का प्रयास शुरू कर दिया और सोचा कि इस बार नहीं तो अगले बार जरूर रिजल्ट निकाल लेंगे। इस वर्ष भी मेरा रिजल्ट नहीं हुआ तो 773 वां लाने वाले अभिषेक नाम के युवक का रिजल्ट को अपना बता कर दोबारा गलती कर दी। लेकिन ठीक ही कहा गया है कि झूठ की वैशाखी पर सत्य का नीव नहीं डाला जा सकता।
इस मामले में कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि अभिेषेक आइएएस बनने की अफवाह उड़ाकर दहेज में मोटी रकम लेने की फिराक में था। लेकिन शादी से पहले ही उसके झूठ का भांडा फूट गया।
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