Bihar Land Registry: सारण जिले ने रच दिया इतिहास, जमीन रजिस्ट्री से रिकॉर्ड राजस्व; 200 करोड़ के पार
सारण जिले ने जमीन रजिस्ट्री (Bihar Land Registry) में इतिहास रचते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 210.98 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है। यह पहली बार है जब राजस्व 200 करोड़ के पार गया। सदर निबंधन कार्यालय ने 100.12 करोड़ का योगदान दिया। दस्तावेजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। ई-निबंधन प्रणाली और नवाचारों से पारदर्शिता बढ़ी है।

जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिला ने जमीन निबंधन (Bihar Land Registry) से राजस्व संग्रह में नया इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के विभिन्न निबंधन कार्यालयों द्वारा कुल 210.98 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक है। यह पहली बार है जब निबंधन से होने वाला राजस्व 200 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
बताया जाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 37.04 करोड़ रुपये अधिक की प्राप्ति हुई है। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 173.94 करोड़ रुपये था। इस उपलब्धि में सदर निबंधन कार्यालय की भूमिका सबसे अहम रही।
इस कार्यालय ने अकेले 100.12 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। अन्य कार्यालयों का प्रदर्शन भी शानदार रहा। सोनपुर ने 32.57 करोड़, एकमा ने 25.35 करोड़, मशरक ने 20.24 करोड़, परसा ने 16.64 करोड़, मढ़ौरा ने 16.06 करोड़ राजस्व प्राप्त किया है।
दस्तावेजों की संख्या में भी वृद्धि
वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 55034 दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जबकि पिछली बार यह संख्या 46791 थी। दस्तावेजों की संख्या और राजस्व – दोनों में बढ़ोतरी ने प्रशासन की कार्यकुशलता को सिद्ध किया है।
नवाचार और तकनीक से मिली रफ्तार
राजस्व में इस वृद्धि का श्रेय जिला प्रशासन द्वारा लागू की गई नई प्रक्रियाओं को भी जाता है। जिला पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर अब हर निबंधन दस्तावेज के साथ भूमि का चित्र, अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) संलग्न करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे भूमि की सही अवस्थिति और श्रेणी निर्धारण में पारदर्शिता आई है। यदि जांच में यह पाया जाता है कि पक्षकार द्वारा भूमि की श्रेणी जान बूझकर कम दर्ज की गई है, तो ऐसे मामलों में मुद्रांक अधिनियम की धारा 47-ए के तहत कड़ी कार्रवाई की जाती है।
ई-निबंधन प्रणाली से पारदर्शिता और सुविधा
इस वर्ष से जिले में ई-निबंधन की शुरुआत भी की गई है। हालांकि, शुरुआती दौर में आमजन को इसके तकनीकी पहलुओं को समझने में समय लगा, लेकिन अब यह प्रक्रिया समय और मेहनत की बचत, साथ ही बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान कर रही है।
प्रशासनिक प्रयासों और तकनीकी नवाचारों के सफल क्रियान्वयन से सारण जिले ने न केवल अपने राजस्व लक्ष्य को पार किया है, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।
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