Bihar Bhumi: छपरा के जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, लैंड रजिस्ट्री डॉक्युमेंट को लेकर लिया गया अहम फैसला
छपरा के जिलाधिकारी अमन समीर ने निबंधित दस्तावेजों की प्रमाणिकता और अभिलेखों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि हर दस्तावेज का एक निश्चित डीड नंबर होता है और एक ही नंबर के कई दस्तावेज नहीं हो सकते। अभिलेखागार में दस्तावेजों की जांच की जा रही है और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, छपरा। जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा है कि निबंधित दस्तावेजों की सत्यता और अभिलेखों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन लगातार सख्त कदम उठा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी निबंधित दस्तावेजों का एक निश्चित दस्तावेज संख्या (डीड नंबर) होता है। एक निश्चित वर्ष में एक डीड नंबर से केवल एक ही दस्तावेज का निबंधन संभव है।
डीएम ने कहा कि कार्यालय स्तर पर एक ही नंबर के एक से अधिक दस्तावेजों का पंजीकरण नहीं हो सकता। यदि कोई स्वार्थी तत्व कार्यालय से इतर एक ही डीड नंबर के अलग-अलग दस्तावेज बनाकर पक्षकार को प्रस्तुत करते हैं, तो उसकी जांच अभिलेखागार में उपलब्ध रिकॉर्ड से कराई जा सकती है।
सत्यापन में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने बताया कि दस्तावेजों के निबंधन के समय भूमि के मालिकाना हक (टाइटल) की जांच कार्यालय द्वारा नहीं की जाती है।
पक्षकार की होती है दस्वावेज पर निबंधन कराने की जिम्मेदारी
ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के अनुसार, दस्तावेज पर निबंधन कराने की जिम्मेदारी पूरी तरह से पक्षकार की होती है। अतः क्रय-विक्रय से पूर्व पक्षकारों को दस्तावेजों की गहन जांच कर पूरी तरह संतुष्ट हो लेना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो। उन्होंने अभिलेखों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।
बताया कि वर्ष 2023 में अभिलेखागार में आधुनिक बुक स्कैनर स्थापित किया गया है, जिससे अब दस्तावेजों की छायाप्रति सुरक्षित रूप से स्कैन की जा सकती है और फोटोकापी के लिए बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं रहती। दस्तावेजों का स्कैनिंग और इंडेक्सिंग कार्य भी तेजी से चल रहा है।
सीटीटीवी और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था
डीएम ने बताया कि अभिलेखागार की सिक्युरिटी ऑडिट कराते हुए सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की गई है। जिल्दों की सूची बनाकर उन्हें क्रमबद्ध तरीके से रखा गया है तथा शेष जिल्दों का सत्यापन भी किया जा रहा है। अभिलेखों के सतत देखरेख और पर्यवेक्षण के लिए विशेष निगरानी तंत्र सक्रिय किया गया है।
डीएम ने सभी नागरिकों से अपील किया है कि दस्तावेजों के लेन-देन से पूर्व उनकी सत्यता की पूरी जांच करें और आवश्यकता पड़ने पर निबंधन कार्यालय या अभिलेखागार से जानकारी प्राप्त करें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
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