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    Bihar Weather: उत्तर बिहार में बदलेगा मौसम, जानें अगले 5 दिनों का अपडेट; किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 09:44 PM (IST)

    उत्तर बिहार के जिलों में अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा। सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रहेगा। न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। किसानों को आम और लीची के बागानों में जुताई नहीं करने की सलाह दी गई है। आलू की अगात प्रभेदों की खुदाई और पिछात गेहूं की फसल में जिंक की कमी की लक्षण पर उपचार करने की सलाह दी गई है।

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    फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, जानें अगले 5 दिनों का अपडेट; किसानों के लिए एडवाइजरी जारी

    संवाद सूत्र, पूसा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, अगले पांच फरवरी तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ एवं मौसम शुष्क रहेगा। अगले दो दिनों तक सुबह के समय मध्यम कुहासा छाया रहेगा। इस अवधि में तापमान में वृद्धि होगी।

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    अधिकतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। शुक्रवार का अधिकतम तापमान 25.0 एवं न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि अभी धीमी गति से पछुआ हवा चलने की संभावना है। 

    नहीं करें आम व लीची के बगान में जुताई:

    इस समय आम एवं लीची में मंजर आने की संभावना अधिक रहती है। इस कारण किसानों को आम एवं लीची के बागानों में किसी भी प्रकार की जुताई नहीं करने की अपील विज्ञानियों ने की है।

    इन बगानों में जहां दीमक की समस्या हो, क्लोरपाईरिफॉस 20 ई०सी०/2.5 मी०ली० प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर मुख्य तने एवं उसके आस-पास की मिट्टी में छिड़काव करने से दीमक की उग्रता में कमी आती है।

    मधुआ एवं दहिया कीटों का प्रकोप कम करने के लिए वृक्षों में इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एसएल अथवा साइपरमेथ्रीन 10 ईसी/1.0 मिली/ली पानी की दर से घोल बनाकर समान रूप से छिड़काव करने को कहा है।

    आलू की अगात प्रभेदों की करें खोदाई:

    • विज्ञानियों ने आलू की अगात प्रभेद की तैयार फसलों की खुदाई करने और बीज वाली फसल की ऊपरी लत्ती की कटाई करने को कहा है।
    • खुदाई के 15 दिनों पूर्व सिंचाई बंद करने एवं पिछात आलू की फसल में कटवर्म या कजरा पिल्लू की निगरानी करने की ताकीद की है।
    • उपचार के लिए क्लोरपायरीफास 20 ईसी दवा का 2.5 से 3 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने को कहा है।

    पिछात गेहूं का भी करें उपचार:

    विज्ञानियों ने पिछात बोयी गेहूं की फसल में जिंक की कमी की लक्षण पर 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 1.25 किलोग्राम बुझा हुआ चूना एवं 12.5 किलोग्राम यूरिया को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करने की सलाह दी है।

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