Bihar Weather News: जिसका था इंतजार, आ गई वो खबर... अगले 5 दिनों के मौसम अपडेट से खुश हो जाएंगे आप
उत्तर बिहार में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। सुबह में घना कोहरा और दिन में खिली धूप से लोगों को ठंड से राहत मिली है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है जिसके अनुसार उत्तर बिहार के जिलों में आसमान साफ रहेगा और मौसम शुष्क रहेगा। दिन में अच्छी धूप खिलेगी जिससे लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मौसम में उतार चढ़ाव जारी है। सुबह में कुहासा और दिन में धूप खिलने से गुरुवार को ठंड से राहत मिली, लेकिन शाम होने के बाद फिर ठंड का एहसास होने लगा। रात में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।
अगले पांच दिन के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ एवं मौसम के शुष्क रहने की संभावना है।
दिन में खिलेगी अच्छी धूप
वरीय मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने बताया कि सुबह के समय मध्यम से घना कुहासा छा सकता है। अभी मौसम में उतार चढ़ाव जारी रहेगा। सुबह और शाम के बाद अधिक ठंड का एहसास होगी। दिन में अच्छी धूप खिलेगी। इससे लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।
कैसा रहेगा तापमान?
- पूर्वानुमानित अवधि में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ अधिकतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान आठ से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकती है।
- इस अवधि में धीमी गति से पछुआ हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 90 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 65 से 75 प्रतिशत रहने की संभावना है।
किसानों के लिए सलाह
डॉ. सत्तार ने किसानों को सलाह दिया कि मक्का के खेत में पर्याप्त नमी न होने पर फसल में सिंचाई करें। यदि तना छेदक कीट का आक्रमण हो तो कीटनाशक डाइमेथोएट का छिड़काव करें।
आम व लीची कें बाग में निकाई-गुड़ाई से करें परहेज
आम व लीची के बाग में अभी निकाई-गुड़ाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से पेड़ों में पुष्पण की क्रिया तथा फलन प्रभावित होगा। इससे पौधो में फलों की जगह नए पत्ते निकलने की आशंका रहती है। यह सुझाव डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्विवद्यालय की ओर से किसानों के लिए जारी एडवाइजरी में दिया गया है।
वरीय मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने बताया कि सब्जियों की सिंचाई करें। फफूंदनाशक दवा का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। बताया कि आलू की फसल का नियमित निरीक्षण करें। झुलसा का प्रकोप दिखाई दे तो इसके बचाव के लिए रिडोमिल नामक दवा का 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करना चाहिए।
फ्रेंचबीन, पालक, मटर, फूलगोभी आदि की सिंचाई करते रहें। फफूंदनाशक दवा का प्रयोग करें। अगर पत्तियों पर धब्बे दिखाई दें तो मैन्कोजेब दवा का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। डा. सत्तार ने कहा कि पशुपालक दूधारु पशुओं के रख-रखाव एवं खान-पान पर विशेष ध्यान दें। उनको खुले आकाश में नहीं बांधना चाहिए।
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