Bihar Cold Alert: फिर लौट रही सर्दी... इस दिन से शुरू होगा ठंड का 'डबल अटैक'; फरवरी में बढ़ेगी टेंशन
उत्तर भारत में ठंड का कहर (Cold In North India) अभी और बढ़ने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार एक या दो फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके कारण तराई वाले इलाकों में बहुत घना कोहरा व जबकि पटना समेत अन्य जिलों में हल्के कोहरे के साथ सर्द पछुआ हवा के कारण ठंड में वृद्धि की संभावना है।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश के मौसम (Bihar Weather Alert) का असामान्य मिजाज लोगों को परेशान कर रहा है। सर्द दिनों में पटना सहित अन्य जिलों का तापमान सामान्य से ऊपर बने होने से मौसम के अलग रंग देखने को मिल रहा है। जनवरी के शुरुआती दिनों को छोड़ कर उत्तर भारत में मौसम सामान्य बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, मौसम का मिजाज फिर बदलने वाला है। कुछ दिनों की धूप के बाद फिर से सर्दी बढ़ने की संभावना है। एक या दो फरवरी से पश्चिम विक्षोभ का सक्रिय होने की संभावना है।
इसके कारण तराई वाले इलाकों में बहुत घना कोहरा व जबकि पटना समेत अन्य जिलों में हल्के कोहरे के साथ सर्द पछुआ हवा के कारण ठंड में वृद्धि की संभावना है।
मौसम एक्सपर्ट का क्या मानना है?
मौसम विज्ञानी एसके पटेल ने बताया कि नवंबर से दिसंबर के बीच जितनी ठंड पड़नी चाहिए थी उतनी नहीं पड़ी सकी। जनवरी का पहले सप्ताह में भी मौसम में विशेष बदलाव नहीं हुआ। इस बार देर से ठंड आई है तो इसे विलंब से जाने की संभावना है। ऐसे में फरवरी में ठंड का प्रभाव बना रहेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण फरवरी के पहले सप्ताह में प्रदेश के अधिसंख्य भागों में आंशिक रूप से बादलों की आवाजाही बने होने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड में वृद्धि की संभावना है।
फसलों पर मौसम का प्रभाव:
मौसम में हो रहे परिवर्तन के बारे में मौसम विज्ञानी बताते हैं कि समय से पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय नहीं होने, जलवायु परिवर्तन समेत तमाम कारणों से मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहा है। मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण इसका मुख्य असर जन-जीवन के साथ फसलों पर भी पड़ा है।
मौसम में परिवर्तन का कारण ला-नीना भी है। सर्द मौसम में वर्षा होने से रबी फसलों के लिए लाभप्रद माना जाता है। इस बार जनवरी में जितनी वर्षा होनी चाहिए थी न के बराबर हुई। इस दौरान महज एक मिमी वर्षा पटना में हुई थी। वर्षा होने से गेंहू, चना, मसूर आदि रबी फसलों को लाभ मिलता है।
वर्षा के कारण दाने बनने के साथ अच्छी पैदावार की संभावना होती है। इस दौरान दो से तीन मिमी वर्षा फसलों के लिए लाभदायक होता है। हालांकि, मौसम में इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगले माह में मौसम में परिवर्तन के कारण कुछ जगहों पर हल्की वर्षा के आसार है।
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