Bihar Cold Alert: कम नहीं हो रही ठंड की 'अकड़', अब और बिगड़ेंगे हालात; मौसम अपडेट ने दी टेंशन
मुजफ्फरपुर में सोमवार को भी घना कोहरा छाया रहा। सूरज निकला लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक मध्यम से घना कोहरा रहने का अनुमान जताया है। ठंड से राहत मिलने की भी कोई उम्मीद नहीं है। किसानों को सलाह दी गई है कि पिछात बोई गई गेहूं की फसल में खर-पतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दें।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। रविवार को मिली थोड़ी राहत के बाद सोमवार को भी उम्मीदों की किरण निकलने की उम्मीद थी, लेकिन सुबह कुहासे में लिपटी रही। दोपहर में सूर्य भी निकले, किंतु वह ठंड की अकड़ तोड़ने में नाकाम रहे। शाम ढलने के बाद तो तुषारापात ही हो गया। चारों ओर जनजीवन बेहाल दिख रहा था।
इधर, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिनों तक मध्यम से घना कुहासा रहेगा। ठंड से राहत मिलने की भी कोई उम्मीद नहीं है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरीय मौसम विज्ञानी डॉ. ए सतार ने बताया कि अगले तीन दिनों तक मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के पश्चिम सीमावर्ती इलाके में सुबह में कहीं घना तो कहीं मध्यम कुहासा रहेगा।
अभी बरकरार रहेगी ठंड
दिन में धूप निकलेगी, किंतु ठंड बरकरार रहेगी। इस दौरान मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। दरभंगा और तराई के कुछ जिलों में कोल्ड डे जैसी स्थिति बन सकती है।
कैसा रहेगा तापमान?
पूर्वानुमान की अवधि में अधिकतम तापमान 17 से 21 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इसके विपरीत न्यूनतम तापमान आठ से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। इस अवधि में औसतन 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 90 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 60 से 75 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
किसानों के लिए सुझाव
डॉ. सतार ने किसानों को सुझाव दिया है कि पिछात बोई गई गेहूं की फसल में खर-पतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दें। फसल में जिंक की कमी के लक्षण से गेहूं के पौधों का रंग हल्का पीला दिखाई दे तो 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 1.25 किलोग्राम बुझा हुआ चूना एवं 12.5 किलोग्राम यूरिया को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिनों के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें। खेत में नमी बनाए रखें।
सावधानी ही सबसे बड़ा उपचार
- सर्दी में स्वस्थ रहने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सावधानी ही सबसे बड़ा उपचार है। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही घातक हो सकती है।
- कारण इस मौसम में होने वाली बीमारियों के लगातार बढ़ने व पनपने का खतरा बना रहता है। ऐसे में जरूरी है सही समय पर सही इलाज।
- जानकारों के अनुसार, सर्दी में आप जितना ही अपने शरीर को ढक सकेंगे उतना ही स्वस्थ रहेंगे।
पशुओं का भी रखें ध्यान
ठंड में पशुधन को काफी परेशानी होती है। ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षित रखें। खुले में नहीं रखें। पशुशाला को गर्म रखें।
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