Bihar Weather Update: उत्तर बिहार में 3 दिनों बाद फिर होगी हल्की बारिश, 34 डिग्री रहेगा तापमान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार उत्तरी बिहार में अगले चार दिनों में हल्के बादल छाए रहेंगे और 5 मई के आसपास हल्की वर्षा की संभावना है। अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गेहूं अरहर और मक्का की कटाई सावधानीपूर्वक करें और फसलों को कीटों से बचाने के लिए उचित उपाय करें।

संवाद सहयोगी, पूसा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, अगले चार दिनों में उत्तर बिहार के जिलों के आसमान में हल्के बदल देखे जा सकते हैं। 4-5 मई के आसपास आसमान में मध्यम बादल आ सकते हैं। इसके कारण 5 मई के आसपास बिहार के जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा मेघ गर्जन के साथ हो सकती है।
इस अवधि में अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। न्यूनतम तापमान 22-25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहेगा।
मौसम विभाग के द्वारा शुक्रवार काे अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 5 से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पूरबा हवा चलने की संभावना है। 5 मई के आसपास सतही हवा की गति थोड़ी तेज हो सकती है।
विज्ञानियों ने किसानों को सुझाव दिए
4-5 मई के आसपास मौसम में परिवर्तन होने से हल्की बूंदा बूंदी की संभावना बन सकती है। इस मौसम को देखते हुए कृषि कार्यों में सतर्कता बरतें। गेहूं, अरहर तथा रबी एवं मक्का की कटनी तथा सुखाने का काम सावधानी पूर्वक करें। कटी हुई गेहूं की दौनी कर सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें। कीटनाशकों का छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें।
मूंग एवं उरद की फसल में रस चूसक कीट माहु, हरा फुदका, सफेद मक्खी व थ्रीप्स कीट की निगरानी करें। यह कीट पौधे की पत्तियों, कोमल टहनियों, फूल व अपरिपक्व फलियों से रस चूसते है। सफेद मक्खी पीला मोजैक रोग को फैलाने का काम करती है। थ्रीप्स कोमल कलियों व पुष्पों को बहुत क्षति पहुंचाती है।
इस कारण फूल खिलने से पहले झड़ जाती है, फलियां नहीं बन पाती है। इन कीटों का प्रकोप दिखने पर बचाव के लिए मैलाथियान 50 ईसी या डाडमेथोएट 30 ईसी का 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में छिड़काव मौसम साफ रहने पर ही करें।
हल्दी-अदरक की बुआई के लिए तैयारी शुरू करें
हल्दी एवं अदरक की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत की जुताई में प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद डाले। 15 मई से किसान भाई हल्दी एवं अदरक की बुआई कर सकते हैं।
भिण्डी की फसल को लीफ हापर कीट द्वारा काफी नुकसान पहुंचाया जाता है। यह कीट दिखने में सुक्ष्म होता है। इसके नवजात एवं व्यस्क दोनों पत्तियों पर चिपककर रस चुसते हैं। अधिकता की अवस्था में पत्तियों पर छोटे-छोटे धब्बे उभर जाते हैं और पत्तियां पीली तथा पौधे कमजोर हो जाते हैं।
इससे फलन प्रभावित होती है। इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। भिंडी फसल में माइट कीट की निगरानी करते रहे। प्रकोप दिखाई देने पर इथीयॉन / 1.5 से 2 मि०ली० प्रति ली० पानी की दर से छिड़काव मौसम साफ रहने पर ही करे।
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