बिहार का विस्फोटक बल्लेबाज.... तोड़ डाला सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड, अभी से ही 48 शतक; तीन डबल सेंचुरी लगा चुका है खिलाड़ी
हर सफलता के पीछे संघर्ष छिपा होता है। वैभव सूर्यवंशी ने बीसीसीआई द्वारा पटना में आयोजित रणजी ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व कर इस वाक्य को सही साबित किया है। महज 12 वर्ष 284 दिन की उम्र में क्रिकेट के क्षेत्र में देश की सबसे प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में पदार्पण कर वैभव ने सचिन तेंदुलकर के सबसे कम उम्र में खेलने के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है।
मुकेश वर्मा, समस्तीपुर। हर सफलता के पीछे संघर्ष छिपा होता है। वैभव सूर्यवंशी ने बीसीसीआई द्वारा पटना में आयोजित रणजी ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व कर इस वाक्य को सही साबित किया है।
महज 12 वर्ष 284 दिन की उम्र में क्रिकेट के क्षेत्र में देश की सबसे प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में पदार्पण कर वैभव ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के सबसे कम उम्र में खेलने के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। वैभव की जन्मतिथि 27 मार्च 2011 है।
यह उपलब्धि इस मायने में और भी बड़ी हो जाती है कि जिस मुंबई से सचिन तेंदुलकर खेला करते थे, उसी के विरुद्ध धाकड़ बल्लेबाज वैभव ने रणजी ट्रॉफी खेलने की शुरुआत की। यह मैच उसके अबतक के जीवन का सबसे अहम मैच होगा।
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी व माता आरती कुमारी अपने पुत्र वैभव की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं। पिताजी की दिली तमन्ना अपने बेटे को टीम इंडिया के साथ खेलते हुए देखने की है। उन्हें पक्का विश्ववास है कि इस रणजी ट्रॉफी में जब वह ओपनर बनकर उतरेगा तो अपने बल्लेबाजी का कमाल दिखाएगा।
वैसे वैभव पिछले माह अंडर-19 अंतरराष्ट्रीय त्रिकोणीय सीरीज में बांग्लादेश व इंग्लैंड विरुद्ध प्रतिनिधित्व भी कर चुका है। वैभव बचपन से ही क्रिकेट का दीवाना था। वैभव की इस उपलब्धि पर पूरा प्रखंड आज हर्षित है।
शुरू से ही रहा है विस्फोटक बल्लेबाज रहा है वैभव
समस्तीपुर के ताजपुर प्रखंड निवासी वैभव शुरू से ही विस्फोटक बल्लेबाज रहा है। समस्तीपुर में अपने कोच ब्रजेश झा के नेतृत्व में पिछले पांच सालों तक पटेल मैदान में प्रैक्टिस करता रहा। बीच-बीच में वह एक दो दिनों के लिए पटना जाकर वहां के कोच मनीष ओझा का भी मार्गदर्शन लेता रहा।
वैभव की इस सफलता के पीछे उसकी कड़ी मेहनत व स्थानीय कोच ब्रजेश झा एवं जैनेक्स पटना के कोच मनीष ओझा के मार्गदर्शन को कम नहीं आंका जा सकता है। आठवीं कक्षा का यह छात्र स्थानीय उच्च विद्यालय में ही पढ़ाई करता है।
बचपन से ही क्रिकेट की दीवानगी के कारण अबतक 48 शतक एवं 3 दोहरा शतक का रिकॉर्ड भी वैभव के नाम है। 2022-23 में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक 48 शतक एवं 3 दोहरा शतक बनाने का रिकॉर्ड भी वैभव के नाम दर्ज है।
राज्य स्तरीय श्यामल सिन्हा क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले एक मात्र खिलाड़ी के रूप में भी वैभव का नाम दर्ज हैं।
समस्तीपुर के पटेल मैदान में नित्य व निरंतर घंटों अभ्यास करने वाले वैभव की बल्लेबाजी के मुरीद स्थानीय जूनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अनुकूल राय एवं राज्य सरकार के पदाधिकारी प्रत्यय अमृत भी हैं। उनकी एक उपलब्धि वर्तमान सत्र में हुए अंडर-19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी में 99.70 के औसत से बनाए गए 360 रन भी हैं।
वैभव के चयन व शानदार उपलब्धि पर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अनुकूल राय के पिता सुधाकर राय, जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी, बीसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार संभावना जताते हुए कहा कि बहुत जल्द ही वैभव भारत के लिए भी खेलेगा।
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