Bihar Weather: उत्तर बिहार में 2 दिनों बाद मौसम में बदलाव की संभावना, बारिश के साथ चल सकती है तेज हवा
उत्तर बिहार में अगले दो दिनों में मौसम बदलने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार के अनुसार हल्की बारिश और तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। किसानों को मक्का और अरहर की कटाई करने की सलाह दी गई है। हल्दी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है और धान की नर्सरी लगाने की तैयारी शुरू कर सकते है। पशुओं का भी ध्यान रखने की सलाह दी गई है।

संवाद सहयोगी, पूसा। उत्तर बिहार में अगले दो दिनों के बाद मौसम में बदलाव आने की संभावना है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार के अनुसार इस अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। अगले 24 घंटों तक आमतौर पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
18 मई के आसपास मौसम में बदलाव आने की संभावना है। जिसके कारण अनेक स्थानों पर बूंदा-बूंदी या हल्की वर्षा की संभावना बन सकती है।
वर्षा के दौरान मेघ गर्जन एवं तेज हवा भी चल सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। इस दौरान 18 से 20 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।
मक्का की कटाई व धौनी करना जरूरी:
वर्षा की संभावना को देखते हुए मक्का तथा अरहर की कटाई एवं दौनी अविलंब करते हुए सुरक्षित स्थानों पर भंडारित करें। पशुओं को कीड़े की दवा देने के 10 दिनों बाद खुरपका मुंहपका रोग का टीका लगवाना चाहिए। गर्मी के महीना में पशुओं को 50 ग्राम नमक एवं 50 ग्राम खनिज मिश्रण दें।
भूसा खरीदकर पूरे वर्ष के लिए रख लेना चाहिए। लंबी अवधि वाले धान की किस्में जैसे राजश्री, राजेन्द्र मंसुरी, राजेन्द्र स्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब-1 वीपीटी-5204 एवं सत्यम की नर्सरी 25 मई से लगा सकते है। नर्सरी के लिए खेत की तैयारी करें। स्वस्थ पौध के लिए नर्सरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करना चाहिए।
नर्सरी में क्यारी की चौराई 1.25 से 1.5 मीटर तथा लंबाई सुविधानुसार रखना चाहिए। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800 से 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की नर्सरी तैयार करना है। बीज की व्यवस्था प्रमाणित स्त्रोत से करें। बीज गिराने के पूर्व बीजोपचार अवश्य कर लें।
हल्दी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल:
- हल्दी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है। किसान 15 मई से इसकी बुआई करें। हल्दी की राजेन्द्र सोनिया, राजेन्द्र सोनाली किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है।
- खेत की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 60 से 75 किलोग्राम, स्फूर 50 से 60 किलोग्राम, पोटास 100 से 120 किलोग्राम एवं जिंक सल्फेट 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।
- हल्दी के लिए बीज दर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें। बीज प्रकन्द का आकार 30-35 ग्राम जिसमें चार से पांच स्वस्थ कलियों हो।
- रोपाई की दूरी 30 गुणा 20 सेंटी मीटर तथा गहराई पांच से छह सेंटी मीटर रखना है।
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