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    Bihar Monsoon 2025: समय पर आएगा मानसून, किसानों को बनाएगा खुशहाल; नहीं सूखेगा धान का बिचड़ा

    Updated: Fri, 16 May 2025 04:56 PM (IST)

    इस वर्ष बिहार में मानसून समय पर आने की संभावना है जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। धान का बिचड़ा सूखने की चिंता नहीं रहेगी और खेतों में पर्याप्त नमी बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून 13 से 15 जून तक बिहार पहुंच सकता है जिससे अच्छी बारिश की उम्मीद है और किसान खुशहाल होंगे।

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    नहीं सूखेगा धान का बिचड़ा, बोआई में भी खेत में मिलेगी नमी

    ललन तिवारी, भागलपुर।  किसानों के लिए इस बार राहत की खबर है। न तो धान का बिचड़ा सूखेगा, न ही बोआई के समय खेतों में नमी की कमी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वर्ष मानसून समय पर, या उससे दो-चार दिन पहले ही दस्तक दे सकता है। शुरुआत में ही झमाझम बारिश की संभावना है, जिससे धरती तरबतर हो जाएगी।

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    समय पर वर्षा होने से खेती-बाड़ी लहलहाएगी और किसान खुशहाल होंगे। समय से मिले पानी के कारण उत्पादन बेहतर और बंपर होगा। पिछले वर्षों में बिहार में मानसून की स्थिति बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार का कहना है कि देश में मानसून इस बार सामान्य समय से चार दिन पहले, यानी 27 मई को केरल पहुंच सकता है।

    आमतौर पर मानसून एक जून को केरल में दस्तक देता है। बिहार में इसके 13 से 15 जून के बीच पहुंचने की संभावना है। पिछले वर्ष यह 20 जून को पांच दिन की देरी से पहुंचा था और सामान्य से 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। 2023 में मानसून समय से एक दिन पहले यानी 12 जून को बिहार में आया था, लेकिन फिर भी 23 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी।

    2020 से 2022 के बीच मानसून 13 जून को ही आया था। बिहार में मानसून के दौरान सामान्य वर्षा का औसत 1272.5 मिमी है। 2021 के बाद से राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा नहीं हुई है। इस वर्ष भी सामान्य वर्षा की संभावना है, लेकिन यदि मौसमी कारकों का साथ मिला, तो यह सामान्य से अधिक भी हो सकती है।

    मौसमी चक्रों का सहयोग मिलने पर होगी अच्छी वर्षा

    यह वास्तविक स्थिति मानसून की दस्तक के बाद ही स्पष्ट होगी कि मौसमी चक्र इसका सहयोग कर रहे हैं या नहीं। यदि सहयोग मिला, तो भागलपुर सहित पूरे बिहार में अच्छी वर्षा की उम्मीद है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 15 मई को मानसून के पूर्वानुमान की विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।

    आईएमडी के आंकड़े और पूर्वानुमान

    ईएमडी के अनुसार, भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून की आधिकारिक शुरुआत तब मानी जाती है जब यह केरल पहुंचता है। आमतौर पर यह एक जून को होता है, लेकिन 2009 में यह 23 मई को पहुंचा था। इस बार यह रिकॉर्ड टूट सकता है।

    दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है और 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है। 15 अक्टूबर तक यह पूरी तरह से वापस हो जाता है।

    पिछले वर्षों में मानसून का आगमन (केरल में)

    • 2024 : 30 मई
    • 2023 : 8 जून
    • 2022 : 29 मई
    • 2021 : 3 जून
    • 2020 : 1 जून
    • 2019 : 8 जून
    • 2018 : 29 मई

    हालांकि, केरल में मानसून का जल्दी या देर से पहुंचना यह तय नहीं करता कि बिहार या भागलपुर में भी उसी अनुसार पहुंचेगा। यह वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय मौसमी स्थितियों पर निर्भर करता है।

    पिछले 10 वर्ष में भागलपुर सहित बिहार में मानसून का प्रवेश और वर्षा

    • 18 जून 2014- 849 एमएम
    • 22 जून 2015- 937 एमएम
    • 17 जून 2016- 975 एमएम
    • 22 जून 2017- 937 एमएम
    • 2 5 जून 2018- 771 एमएम
    • 21 जून 2019- 1050 एमएम
    • 13 जून 2020- 1272 एमएम
    • 13 जून 2021- 1044 एमएम
    • 13 जून 2022- 683 एमएम
    • 12 जून 2023- 760 एमएम
    • 20 जून 2024- 798 एमएम

    भागलपुर में समय से पहले मानसून पहुंचने की प्रबल संभावना है। यदि मौसमी कारकों का सहयोग मिला, तो अच्छी वर्षा होगी। इससे खेती-किसानी समय पर होगी और कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण, अधिक पैदावार संभव होगी। -  डॉ. बीरेंद्र कुमार, नोडल पदाधिकारी, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, बीएयू, सबौर

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