सहरसा जेल में बंदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, परिजनों ने सहरसा-सुपौल मार्ग किया जाम
सहरसा मंडल कारा में पॉक्सो एक्ट के आरोपी सुनील साह की संदिग्ध मौत के बाद आक्रोश फैल गया। परिजनों और ग्रामीणों ने सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग पर शव रखकर प् ...और पढ़ें
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सड़क जाम करते लोग। (जागरण)
संवाद सूत्र, सत्तरकटैया (सहरसा)। मंडल कारा में बंद पाक्सो एक्ट के आरोपित बंदी सुनील साह की बीते रविवार दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया।
घटना से आक्रोशित स्वजनों और ग्रामीणों ने सहरसा–सुपौल मुख्य मार्ग पर तुलसियाही चौक के बीच सड़क पर शव रखकर घंटों आवागमन बाधित कर दिया।
इस दौरान टायर जलाकर पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई, जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
सड़क जाम की सूचना मिलते ही ट्रैफिक डीएसपी ओम प्रकाश, इंस्पेक्टर निवास कुमार, बीडीओ रोहित कुमार साह, बिहरा थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा, सीओ शिखा सिंह के साथ नवहट्टा, बनगांव और महिषी थाना के थानाध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल जामस्थल पर पहुंचा।
आंदोलनकारियों ने जेल अधीक्षक और घटना के दिन ड्यूटी पर तैनात कारा कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की।
उनका आरोप था कि मृतक सुनील के गले पर गहरे जख्म के निशान थे और गला आधा कटा हुआ था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसकी हत्या की गई है।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि जब तक जिला पदाधिकारी स्वयं जाम स्थल पर पहुंचकर ठोस आश्वासन नहीं देते, तब तक सड़क जाम समाप्त नहीं किया जाएगा।
बताया जाता है कि मृतक सुनील साह बिहरा थाना क्षेत्र के बारा पंचायत अंतर्गत लालगंज गांव का निवासी था। पुलिस के अनुसार वह पॉक्सो एक्ट के एक मामले में पिछले करीब 22 माह से मंडल कारा में बंद था। समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम बरकरार था और सहरसा–सुपौल मुख्य मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप रहा।

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