अब बिहार में भी चलने लगा बुलडोजर... इस जिले में एक्शन मोड में आया प्रशासन, 24 घंटे की डेडलाइन भी दी
रोड में जाम के प्रमुख कारक बनने वाले ठेला-खोमचा से लेकर सड़क पर बाइक व वाहन खड़ा करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती गई और अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई। प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उन्हें खदेड़कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। अतिक्रमण करने से बाज नहीं आने वाले फुटपाथी दुकानदारों को भविष्य के लिए हिदायत भी दी गई।

जागरण संवाददाता सासाराम (रोहतास)। फुटपाथी दुकानदारों द्वारा सड़क पर कब्जा करने से लग रहे जाम तथा आमलोगों को आवागमन में हो रही परेशानी के बाद डीएम के निर्देश पर अधिकारी मंगलवार को एक्शन मोड में आ गए। इसके बाद अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। शहर के धर्मशाला चौक के आसपास फुटपाथ का अतिक्रमण कर स्थाई तरीके से दुकान लगाने के खिलाफ बुलडोजर अभियान चलाया गया।
रोड में जाम के प्रमुख कारक बनने वाले ठेला-खोमचा से लेकर सड़क पर बाइक व वाहन खड़ा करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती गई और अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई। प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उन्हें खदेड़कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। अतिक्रमण करने से बाज नहीं आने वाले फुटपाथी दुकानदारों को भविष्य के लिए हिदायत भी दी गई।
डीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई
नगर निगम के अधिकारी व कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रमा राम ने अतिक्रमण उन्मूलन अभियान का नेतृत्व किया। नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने कहा कि डीएम के निर्देश पर शहर में अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जा रहा है। अतिक्रमण उन्मूलन का कार्य प्रतिदिन चलाया जाएगा।
24 घंटे की डेडलाइन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पुरानी जीटी रोड पर कचहरी से लेकर नगर निगम कार्यालय, पोस्ट ऑफिस चौक से लेकर धर्मशाला मोड़ तक फुटफाथ का अतिक्रमण करने वालों को 24 घंटे के अंदर अतिक्रमण हटा लेने का डेडलाइन दी गई है।
बता दें कि पिछले दिनों सड़क जाम में डीएम के खुद ही फंस जाने के बाद इस संबंध में अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इस क्रम में ट्रैफिक जाम की समस्या से बचने के लिए पोस्ट ऑफिस चौक पर बस पड़ाव व ओवरब्रिज की तरफ से आने वाले वाहनों को यू टर्न नहीं लेने दिया जा रहा है। सारे वाहन अब पुराने मुफस्सिल थाना के पास जाकर टर्न ले रहे हैं। बहरहाल अब देखना यह है कि सारी कवायद का अंतिम परिणाम सुखद होता है या फिर ढाक के तीन-पात ही बनकर रह जाएगा।
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