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    'अगर जन सुराज की सरकार बनी तो 1 हफ्ते के अंदर...', PK के निशाने पर 100 नेता; साफ कर दी अपनी मंशा

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 07:24 PM (IST)

    जन सुराज के प्रशांत किशोर ने रोहतास में कहा कि बिहार की बदहाली के लिए बुद्धिजीवी उदासीन हैं। उन्होंने जातिवाद और शराबबंदी पर सवाल उठाए और सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। किशोर ने समाज में बदलाव लाने और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजने का वादा किया। उन्होंने राजनीति में बुद्धिजीवियों की भागीदारी पर जोर दिया।

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    समाज तभी बदलेगा जब बुद्धिजीवी वर्ग भागीदारी करेगा : प्रशांत किशोर

    संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन (रोहतास)। प्लेटो ने कहा था अगर आप राजनीति में भाग नहीं लेंगे, तो मूर्ख लोग आप पर शासन करेंगे। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार बदलाव यात्रा को लेकर मंगलवार की रात एक निजी होटल में रोहतास जिले के प्रबुद्धजनों के साथ संवाद के दौरान ये बात कही।

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    उन्होंने संवाद की शुरुआत करते हुए प्रबुद्धजनों से 15 सवाल मांगे। जिसका उन्होंने जवाब दिया। चंदन सिंह, डॉ. यूके सिंन्हा, निरंजन ओझा, प्रकाश सोलंकी, प्रमोद कुमार सिंह, गुंजा कुमारी, रवि भूषण, अनूप कुमार, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. विरेंद्र कुमार, प्रो विजय कुमार सिंह ने डेहरी को जिला बनाने, डालमियानगर में रेल कारखाना, बेरोजगारों का पलायन रोकने, शिक्षा, बेरोजगारी, शराबबंदी समेत अन्य मसलों पर सवाल किया।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की बदहाली के लिए बुद्धिजीवियों की उदासीनता जिम्मेदार है। समाज में समझदार लोग राजनीति से दूरी बनाकर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक भागीदारी जरूरी है, सिर्फ राजनीति में जाना नहीं, बल्कि जागरूक और सक्रिय रहना जरूरी है। यह भ्रम है कि बिहार में सिर्फ जाति के आधार पर वोटिंग होती है।

    पीके ने कहा कि 1984, 1989, 2014, 2019 जैसे चुनावों में जाति से ऊपर उठकर लहर के अनुसार वोट पड़े। जाति का प्रभाव तब बढ़ता है, जब कोई वैकल्पिक मुद्दा या नेतृत्व नहीं होता। बाहुबली, पैसा और जाति जैसे डर बहाने हैं। 99 प्रतिशत नेता गरीब या सामान्य परिवार से आए हैं। बाद में संपत्ति बनी। पेट्रोल तभी उपयोगी है, जब गाड़ी हो।

    उन्होंने जन सुराज के बिहार के सर्वांगीण विकास की योजनाओं से लोगों को अवगत कराया। कहा कि राज्य में शराबबंदी नाम की कोई चीज नहीं है। खुलेआम होम डिलीवरी चालू है, जिससे राज्य को 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। यह सारा पैसा भ्रष्ट नेताओं तथा अफसरों की जेब में जा रहा है। अगर शराबबंदी से लोगों को लाभ है, तो भाजपा शासित यूपी व अन्य राज्यों में शराबबंदी क्यों नहीं कर देते।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है। आधे से ज्यादा पुलिस प्रशासन के अधिकारी शराब और बालू माफियाओं से पैसे उगाही में लगे हैं।

    उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस बिहार में सरकार पैसे का रोना रोती है। इस सरकार के पास पिछले 5 सालों में 70,000 करोड़ रुपए का कोई लेखा-जोखा नहीं है। सीएजी की रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि आखिर यह पैसे कहां गए, किस मद में खर्च हुए।

    उन्होंने कहा कि राजनीति सुधारने के लिए समाज को बदलना होगा और समाज तभी बदलेगा जब बुद्धिजीवी वर्ग भागीदारी करेगा। जाति, पैसा और डर से ऊपर उठकर अगर बिहार को आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक रूप से समृद्ध बनाना है, तो सोच और वोटिंग दोनों बदलनी होगी।

    संवाद के बाद प्रशांत किशोर ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि इसबार उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो सबसे पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। भ्रष्ट नेता और अधिकारी को जेल भेजने का काम करेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में अगर जन सुराज की सरकार बनती है, तो एक हफ्ते के अंदर बिहार के 100 सबसे भ्रष्ट नेता व अफसर जेल में होंगे।

    सभा का आयोजन हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश सिंह की अगुवाई में हुआ। मौके पर चिकित्सक डॉ. अमिताभ, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिंह, रोहतास जिला पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, उदय शंकर पांडेय, हरेंद्र कुमार सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह, चंदन सिंह, मनोज कुमार सिंह, विकास सिंह समेत दर्जनों गणमान्य व्यक्तियों ने जनसुराज पार्टी की प्रगतिशील विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। संचालन अनुमंडल विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष मनोज अज्ञानी ने किया।

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