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    Rohtas News: गाय का घी बदलेगा कैमूर पहाड़ी के गांवों की किस्मत, खटाखट मिलेगा रोजगार; जानें क्या है मामला

    शाहाबाद दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति द्वारा अब कैमूर पहाड़ी के रेहल तारडीह मानू कौड़ियारी हरैया पार्श्वीय गांव शाहपुर नावाडीह बकनौरा समेत कई गांवों का सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद इन गांवों के गाय के दूध का इस्तेमाल करके घी बनाया जाएगा। इसके बाद इसे बाजार में बेचा जाएगा इससे यहां के लोगों को दूध का उचित दाम भी मिलेगा। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

    By Prem Kumar Pathak Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 27 Jan 2025 11:01 AM (IST)
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    सुधा डेयरी बेचेगा गाय का शुद्ध देसी घी

    प्रेम कुमार पाठक, डेहरी आनसोनरोह (रोहतास)। शाहाबाद दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति का स्थानीय सुधा डेयरी प्लांट अब देसी गाय का शुद्ध घी निर्माण कर बिक्री करेगा।

    इसके लिए कैमूर पहाड़ी के रेहल तारडीह, मानू, कौड़ियारी हरैया, पार्श्वीय गांव शाहपुर, नावाडीह, बकनौरा समेत जिले के विभिन्न गांवों का सर्वे कराया जा रहा है।

    नौहट्टा, रोहतास, शिवसागर व चेनारी प्रखंड के गांवों में जीविका समूह के सहयोग से सर्वे का कार्य चल रहा है, ताकि एक राजस्व गांव से कम से कम दो हजार लीटर शुद्ध देसी गाय का दूध प्राप्त हो सके।

    देसी गाय का घी जहां कई रोगों के इलाज में भी काम आता है, वहीं इससे पहाड़ी गांव के लोगों का रोजगार सृजन भी होगा।

    देसी गाय का घी खुद एक दवा है। यह पित्त को शांत करता है, जिससे कफ और फेफड़ा संबंधी रोग के दवा का उपयोग घी के साथ किया जाता है।

    डॉ. नागेंद्र पांडेय, आयुष चिकित्सक

    रेहल में प्रतिदिन तीन हजार लीटर से अधिक दुग्ध उत्पादन

    इसे लेकर डीएम उदिता सिंह ने सुधा के डेहरी दुग्ध उत्पादन केंद्र प्रबंधक को तत्काल कार्य प्रारंभ करने का निर्देश भी दिया है।

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    पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार रेहल गांव में जिले की सर्वाधिक देसी गाय हैं, जहां प्रत्येक दिन तीन हजार लीटर से अधिक दुग्ध उत्पादन होता है, किंतु जनजाति बहुल इस गांव के लोगों को उसका उचित मूल्य नहीं प्राप्त होता है।

    बिचौलियों द्वारा दूध 35 रुपए लीटर खरीदकर सासाराम, डेहरी समेत अन्य शहरों में खोया बनाकर अधिक कीमत पर बेच दिया जाता है। इसे लेकर अभी तक इन प्रखंडों के 16 गावों में सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वहां दुग्ध उत्पादन समिति का गठन किया जा रहा है। समिति द्वारा ही दूध सुधा डेयरी को बेचा जाएगा।

    25 सदस्यों की होगी समिति

    दुग्ध उत्पादन समिति 25 सदस्यों की होगी, जिसमें अध्यक्ष सचिव समेत 13 लोगों की कार्यकारिणी होगी। समिति दूध में घी यानि फैट की अधिकता के अनुसार पशुपालकों को 40 से 50 रुपये प्रति लीटर की कीमत देगी। भैंस के दूध का मूल्य 45 से 80 रुपये लीटर तक फैट के अनुसार होगा।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    सुधा डेयरी के कार्यपालक पदाधिकारी अमित आनंद कहते हैं कि अभी प्रारंभिक काल में कार्य चल रहा है। एक समिति से कम से कम 2000 लीटर दूध प्राप्त होने लगेगा, तभी देसी गाय का घी निर्माण के लिए कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

    अभी रोहतास प्रखंड मुख्यालय तक सुधा डेयरी का वाहन दूध लेने पहुंचता है। अन्य पहाड़ी गांवों में समिति निर्माण होने के बाद तारडीह गांव तक वाहन भेजने की योजना है, ताकि पशुपालकों को उचित मूल्य प्राप्त हो और लोगों को शुद्ध देसी घी उपलब्ध कराया जा सके।

    श्रीनाथ सिंह, कंफेड के कैंप प्रभारी

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