रोहतास में दर्दनाक सड़क हादसा, बस की टक्कर से पति-पत्नी और बच्चों की मौत, मची चीख-पुकार
बिहार के काराकाट में एक यात्री बस ने बाइक को टक्कर मार दी जिसमें एक दंपती और उनके दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई। घटना इटवां गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों के साथ सड़क जाम कर दिया और वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। पुलिस लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है।

जागरण संवाददाता, काराकाट(रोहतास)। थाना क्षेत्र के इटवां गांव के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को एक यात्री बस की टक्कर से बाइक सवार दंपती समेत चार लोगों की मौत हो गई।
मृतकों में बड़हरी थाना क्षेत्र के लडुई निवासी रमेश साह 36 वर्ष, उनकी पत्नी तेतरी देवी उर्फ कंचन देवी 32 वर्ष, उनकी आठ वर्षीय पुत्री आराधना कुमारी और छह वर्षीय पुत्र आर्यन शामिल हैं।
लोगों ने कर दिया सड़क जाम
इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सभी शवों के साथ सड़क जाम कर आवागमन पूरी तरह ठप कर दिया। बीडीओ राहुल कुमार सिंह, सीओ डॉ. रितेश कुमार और थानाध्यक्ष भागीरथ कुमार ने उन्हें समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उनकी एक न सुनी।
वे वरीय अधिकारियों को घटनास्थल पर बुलाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार रमेश साह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ बाइक से अपने ससुराल करूप आ रहे थे।
इस बीच डिहरी से बिक्रमगंज की ओर जा रही अनियंत्रित यात्री बस ने उनके बाइक में जोरदार टक्कर मारते हुए फरार हो गया।
पति-पत्नी और बच्ची की मौके पर हो गई मौत
इस घटना में पति, पत्नी और बच्ची आराधना की मौके पर मौत हो गई। जबकि आर्यन की सांसें चल रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में घायल आर्यन को बेहतर इलाज के लिए बिक्रमगंज स्थित निजी क्लीनिक ले गई। जबकि पति-पत्नी और बच्ची को सीएचसी ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल पर लगी लोगों की भीड़। (जागरण)
इस बीच इलाज के दौरान आर्यन ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना से गुस्साए ग्रामीण सड़क पर उतर आए और करूप बाजार पर चारों शवों को रख राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। कुछ पल बाद ही जामस्थल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
बस का नंबर कर लिया नोट
जाम लगाने वाले लोगों का कहना था कि यात्री बस द्वारा दूसरे लेन में जाकर उनकी बाइक में टक्कर मारी गई है। उस बस का नम्बर भी नोट कर लिया गया है।
समझाने की कोशिश कर रही पुलिस को उनका विरोध भी झेलना पड़ा। जामकर्ता नो इंट्री में भी भारी वाहनों को घुसने का जिम्मेदार पुलिस को ही ठहरा रहे थे।
उनका कहना था कि सड़क के एक लेन पर पूरी तरह भारी वाहनों का कब्जा रहता है। लोग शवों के साथ वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर डटे हुए थे। मौके पर स्थानीय पुलिस के अलावे नासरीगंज और कछवां थाने की पुलिस भी मौजूद है।
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