Bihar Train Accident: हादसे के बाद भी सतर्क नहीं रेलवे प्रशासन? डेंजर जोन लाइन पर कई जगह खुले मिले पटरियों के क्लिप
बिहार ट्रेन हादसे के बाद भी रेलवे प्रशासन सतर्क नहीं दिख रहा है। आरा-सासाराम रेलखंड पर हाई स्पीड में ट्रेन दौड़ती है। यह रेल लाइन डेंजर जोन में आती है। हादसे के बाद आरा-सासाराम रेलखंड के इलाके का जायजा लिया गया तो कई स्थानों पर क्लिप खुले मिले थे। न तो ट्रैक मरम्मत करते मजदूर मिले न इंजीनियर सेक्शन से जुड़े अधिकारी।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। Bihar Train Accident गया-डीडीयू रेलखंड पर करवंदिया से कुदरा तक का इलाका डेंजर जोन माना जाता है। ग्रांड ट्रंक रेलखंड हो या फिर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन व आरा-सासाराम रेलखंड पर हाई स्पीड में ट्रेन दौड़ती है। इन खंडों पर अभी भी मानव रहित क्रॉसिंग हैं, जहां लोग ट्रेन के आने के वक्त तक रेल लाइन पार करते रहते हैं।
पिछले एक दशक के दौरान करवंदिया व कुदरा के बीच आधा दर्जन बार मालवाहक ट्रेनों के बेपटरी होने की घट चुकी है।
पटरियों के क्लिप खुले मिले
बक्सर के रघुनाथपुर स्टेशन के पास नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रोहतास जिले से जुड़े आरा-सासाराम रेलखंड के इलाके का जायजा लिया गया तो कई स्थानों पर क्लिप खुले मिले थे। न तो ट्रैक मरम्मत करते मजदूर मिले न इंजीनियर सेक्शन से जुड़े अधिकारी। फिलहाल, इस खंड पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से कई एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं।
हर दुर्घटना के बाद अधिकारी थोड़ी सक्रियता तो जरूर दिखाते हैं, परंतु सक्रियता सिर्फ जांच तक सीमित रह जाती है। एक वर्ष पूर्व डीडीयू से बरवाडीह जा रही मालगाड़ी कुम्हऊ स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। छह माह पूर्व न्यू करवंदिया स्टेशन के पास डीएफसीसीआइएल रेल लाइन पर मालगाड़ी बेपटरी हो गई थी।
इसके अलावा करवंदिया व कुदरा के बीच 2007, 2009, 2011, 2015, 2022 में मालवाहक ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। सबसे अधिक घटना बरसात के महीनों में घटी है।
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