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    DSP Dharmendra Kumar: हत्या की घटना पर लगाई आत्महत्या की मुहर, कोढ़ा के डीएसपी का एक और कारनामा सामने आया

    Updated: Tue, 04 Feb 2025 07:03 PM (IST)

    कोढ़ा डीएसपी की लापरवाही से एक विवाहिता की हत्या के मामले को आत्महत्या करार दे दिया गया। डीआईजी पूर्णिया ने मामले की समीक्षा कर कोढ़ा डीएसपी और अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मृतका पुष्पाजंलि के परिवार वालों ने डीआईजी पूर्णिया से मिलकर सारी जानकारी दी। पता चला कि दोनों अधिकारियों ने मामले को रफादफा करने की कोशिश की।

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    कटिहार के कोढ़ा डीएसपी धर्मेन्द्र कुमार का एक और कारनामा आया सामने।

    राजीव कुमार, पूर्णिया। कटिहार के कोढ़ा डीएसपी के कारनामे एक-एक कर सामने आ रहे हैं। अभी कोढ़ा गैंग के खिलाफ छापेमारी करने से पुलिस को रोकने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि कोढ़ा डीएसपी धर्मेन्द्र कुमार का एक और कारनामा सामने आ गया है। कोढ़ा डीएसपी ने पोठिया थाना में दर्ज एक विवाहिता की हत्या के मामले को जांच के बाद आत्महत्या बना दिया।

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    इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मृतका पुष्पाजंलि के परिवार वालों ने डीआईजी पूर्णिया से मिलकर सारी जानकारी दी। परिजनों की शिकायत के बाद यह मामला पकड़ में आया कि कोढ़ा डीएसपी धर्मेन्द्र कुमार एवं कटिहार के पोठिया थाना के इस मामले के अनुसंधानकर्ता ने इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है।

    कटिहार एसपी को दिया कार्रवाई करने का निर्देश

    इस मामले में डीआईजी ने कोढ़ा डीएसपी एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा बरती गयी लापरवाही को देखते हुए कटिहार एसपी को इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।

    डीआईजी ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में लिखा है कि कोढ़ा डीएसपी के पर्यवेक्षण में इस घटना को आत्महत्या बताया गया है, लेकिन आत्महत्या के कारण का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि मृतिका के परिवार वाले स्पष्ट रूप से दहेज मांगने की बात कह रहे हैं, साथ ही घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नही मिला है। जबकि मृतिका पढ़ी लिखी थी।

    प्रमोद कुमार मंडल, डीआईजी, पूर्णिया।

    डीआईजी ने यह भी माना है कि भारतीय न्याय संगिता की धारा 80 में स्पष्ट उल्लेख है कि शादी के सात साल के अंदर किसी तरह के संदिग्ध मृत्यु को दहेज मृत्यु माना जाएगा, जबकि इस मृतका की शादी को मात्र एक वर्ष हुआ था एवं वादी तथा मृतका की मां एवं मामा द्वारा अपने बयान में दहेज मांगने एवं उसको लेकर प्रताड़ित करने की बात भी बताई गई है।

    इसके बावजूद कोढ़ा डीएसपी ने इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इसके अलावा कोढ़ा डीएसपी ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में एवं अनुसंधानकर्ता ने अपने कांड दैनिकी में मृतका के पक्ष के मात्र तीन गवाहों का बयान दर्ज किया है। जबकि वादिनी अपने परिवार के कुल पांच लोगों के साथ घटनास्थल पर गई थी। जिसकी पुष्टि डीएसपी ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में वादिनी के बयान में भी किया है।

    वादिनी का कहना है कि वे सभी गवाहों को साक्ष्य देने हेतु कोढ़ा डीएसपी के कार्यालय लेकर गयी थी। परन्तु वहां से शेष साक्षियों को भगा दिया गया। डीआईजी ने समीक्षा में यह पाया कि कोढ़ा डीएसपी ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में कहीं भी मृत्यु समीक्षा रिर्पोट का जिक्र नही किया है न ही अनुसंधानकर्ता ने केस दैनिकी में मृत्यु समीक्षा रिर्पोट का उल्लेख किया है। जबकि हत्या / दहेज मृत्यु के मामले में यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है जिसकी जानबूझ कर अनदेखी की गई ताकि अभियुक्त पक्ष को लाभ पहुंच सके।

    इसके अलावा अनुसंधानकर्ता द्वारा भी साक्षियों की गवाही में मृत्यु समीक्षा रिर्पोट का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। अनुसंधानकर्ता ने पुष्पांजलि की मृत्यु को आत्महत्या माना लेकिन आत्महत्या हेतु उकसाने के मामले में गिरफ्तारी का कोई प्रयास नहीं किया गया। बल्कि इस मामले को प्रेम प्रसंग का रूप देकर अभियुक्तों को लाभ देने का प्रयास किया गया। प्रेम-प्रसंग के कारण आत्महत्या करने का कोई साक्ष्य भी पुलिस नहीं जुटा पायी है।

    डीआईजी ने समीक्षा में पाया कि डीएसपी कोढ़ा ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में यह उल्लेख किया है कि मृतिका के दरवाजा खुलने से पहले सभी अभियुक्त घर से फरार हो गये थे, जो इस बात की पुष्टि करता है कि सभी अभियुक्तों को घटना की पूर्ण जानकारी थी। सभी अभियुक्तों का घटनास्थल से भाग जाना उनके अभियुक्त होने के लिए प्रर्याप्त साक्ष्य है।

    पोस्टमार्टम से हुआ खुलासा, गला घोंटने से हुई मौत

    पूर्णिया डीआईजी ने समीक्षा में पाया कि इस मामले के अनुसंधानकर्ता द्वारा बताया गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला घोंटना बताया गया है जो की हत्या की पुष्टि करता है। अपने प्रगति प्रतिवेदन में कोढ़ा डीएसपी द्वारा इस कांड के पांच प्राथमिकी नामजद अभियुक्तों का बचाव किया गया है, जबकि कांड के प्राथमिकी नामजद अभियुक्तों के बचाव में कोई साक्ष्य अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में उल्लेख नहीं किया गया है जो उनके पर्यवेक्षण को संदिग्ध करता है।

    डीआईजी के निर्देश के 24 घंटे बाद ही मुख्य आरोपी ने किया आत्मसमर्पण

    इस मामले में पूर्णिया डीआईजी के सख्ती के बाद इस मामले में डीएसपी एवं अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देते ही हड़कंप मच गया। डीआईजी ने इस मामले के सभी पांच अभियुक्तों को भी गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। जिसके परिणाम स्वरूप डीआईजी के आदेश के महज 24 घंटे के अंदर इस मामले के मुख्य आरोपित अजीत कुमार ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अजीत कुमार मृतका का पति है।

    दहेज के लिए एक विवाहिता की हत्या को आंख मूंदकर आत्महत्या का मामला ठहराए जाने का मामला काफी गंभीर है। इस मामले की समीक्षा के बाद कटिहार एसपी को कांड के पर्यवेक्षण करने वाले कोढ़ा डीएसपी धमेन्द्र कुमार एवं इस मामले के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक अरविंद कुमार शर्मा के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है। - प्रमोद कुमार मंडल, डीआईजी, पूर्णिया

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