Purnia News: पूर्णिया DPO निलंबित, सीधे अपर सचिव ने लिया एक्शन; एक ऑडियो क्लिप से खतरे में पड़ी नौकरी!
पूर्णिया की प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अनिता कुमारी को समाज कल्याण विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है जिन पर आंगनबाड़ी केंद्रों से हर माह तीन हजार रुपये की वसूली करने का आरोप है। अनिता कुमारी पहले भी विवादों में रही थीं जब वे कटिहार के बारसोई की सीडीपीओ थीं। उस समय भी उन पर अनियमितता का मामला दर्ज हुआ था।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। आंगनबाड़ी केंद्रों से हर माह तीन हजार की वसूली करने की आरोपित पूर्णिया की प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) अनिता कुमारी को समाज कल्याण विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय मुंगेर प्रमंडल निर्धारित किया गया है।
अनिता पूर्णिया की प्रभारी डीपीओ बनने से पहले भी विवादों में रही थीं। कटिहार के बारसोई की सीडीपीओ रहने के दौरान भी इन पर अनियमितता का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में उनके खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी का वारंट भी जारी हुआ था। इसके बावजूद वह पूर्णिया डीपीओ के पद पर पदस्थापित रहीं।
अनिता प्रभारी डीपीओ के अलावा बनमनखी सीडीपीओ का कार्यभार भी संभाल रही थीं। बारसोई की सीडीपीओ रहने के दौरान इंटरनेट मीडिया पर अनिता का ऑडियो क्लिप प्रसारित हुआ था, जिसमें हर आंगनबाड़ी केंद्र से हर महीने तीन हजार रुपये वसूली के संबंध में लेनदेन की बात सामने आई थी।
मामले में पर्यवेक्षिका ने बारसोई अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन भी दिया था। कटिहार के तत्कालीन जिलाधिकारी ने अनिता के विरुद्ध पत्र भी जारी किया था।
जिला स्तर पर संयुक्त जांच दल ने ऑडियो की जांच की थी। इसमें आरोपित अधिकारी और सेविका के पति मंजर आलम के बीच बातचीत थी। आरोपित अधिकारी ने स्वीकार किया था कि आवाज उसी की है।
ये लगे हैं आरोप
- अनिता पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम में अनियमितता बरतने
- फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी करने
- आंगनबाड़ी विकास समिति के सदस्यों का फर्जी हस्ताक्षर करने
- एक ही विपत्र दो बार पारित करने
- लाभार्थियों की संख्या का सत्यापन किए बिना आंगनबाड़ी केंद्रों को मनमानी राशि उपलब्ध कराने
- स्थायी दलालों के माध्यम से पोषाहार का वाउचर इक्कठा करने और उस पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अनुमोदन के लिए दबाव बनाना
यह भी आरोप
यह भी आरोप है कि जनवरी एवं फरवरी 2022 की तुलना में मार्च एवं अप्रैल में लगभग डेढ़ गुणा अधिक राशि बिना किसी उचित कारण के केंद्रों को दी गई, जिस कारण पोषाहार का वितरण नहीं हो सका।
इसके साथ ही अनीता पर खाली चेक पर हस्ताक्षर करने, वित्तीय मामलों में लापरवाही बरतने और उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के भी आरोप लगाए गए थे।
बारसोई सीडीपीओ रहने के दौरान 2022 में अनिता पर पोषाहार का 1500 क्विंटल चावल पश्चिम बंगाल में ले जाकर बेचने के प्रयास करने का आरोप लगा था। विभाग ने आरोपों के मद्देनजर इसी साल अगस्त और सितंबर में अनिता से स्पष्टीकरण भी मांगा था, जिसका उन्होंने जवाब भी दिया था।
अनुशासनिक प्राधिकार ने मामले की समीक्षा की थी, जिसमें भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिले। इसके बाद समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव नवीन कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की।
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